HomeAdivasi Dailyआदिवासी एथलीट को खाने को मिलता है आलू, कैसे जीते मेडल?

आदिवासी एथलीट को खाने को मिलता है आलू, कैसे जीते मेडल?

कोच ने बताया, "सुबह कुछ अधिकारी आए और जब हमने उन्हें इन मुद्दों के बारे में बताया, तो उन्होंने विरोध दर्ज कराने पर हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी."

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की आगामी अखिल भारतीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देश के युवा उत्सुक है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. जहां सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस में जुटे हुए है.

इस बीच प्रशिक्षण शिविर के लिए सरकारी छात्रावास में रहने वाले आदिवासी खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें जरूरत के हिसाब से पौष्टिक भोजन भी नहीं मिल रहा. यह तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हुई जिसमें एथलीट पौष्टिक भोजन की कमी की शिकायत करते नजर आ रहे हैं.

एक एथलीट ने कहा, “हमें यहां पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल रहा है जो कि हमारे प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण है. सब्जियों के नाम पर यहां केवल आलू खिलाया जाता हैं. हम यहां पिछले आठ दिनों से हैं और हमें मुश्किल से कोई फल मिल रहा है. ज्यादातर समय, वे कहते हैं कि हमारे पास खाना खत्म हो गया है.”

एक अन्य एथलीट ने कहा, “हमें केवल आधा गिलास दूध मिलता है, कभी-कभी आधे से भी कम. हमें एक सेब भी नहीं मिलता है. हम लोग वास्तव में कठिन अभ्यास करते हैं . लेकिन अभ्यास के मुताबिक यहाँ उचित पौष्टिक भोजन भी नहीं मिल रहा है. यह निराशाजनक और परेशान करने वाला है.”

एक पहलवान ने कहा, “अच्छी डाइट हमारे लिए बहुत जरूरी है, हमें अंडे भी मुश्किल से मिलते है. अगर मिलते भी है तो एक से ज्यादा नहीं. आलू तो हर सब्जी में मिल ही जाता है. यहां तक ​​कि जब वे हमारे लिए पालक तैयार करते हैं, तो इसमें भी आलू और पालक का अनुपात 80-20 होता है.”

खिलाड़ियों ने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र में कोई निश्चित डाइट चार्ट नहीं है. ये हमें बहुत कम मात्रा में भोजन देते हैं. इस मामले में एक कोच ने MBB को बताया, “सुबह कुछ अधिकारी आए और जब हमने उन्हें इन मुद्दों के बारे में बताया, तो उन्होंने विरोध दर्ज कराने पर हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी.”

वहीं भोजन की कमी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए मप्र आदिवासी कल्याण विभाग के प्रभारी खेल अधिकारी जीएस साहू ने कहा, ‘कोच एथलीट्स को ये सब बातें कहने के लिए उकसा रहे हैं, क्योंकि हमने उन्हें राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी. हमने हॉस्टल का दौरा किया है, खिलाड़ियों और कोचों के साथ बैठक भी की. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें दूध का पूरा गिलास, अंडे और फलों से भरपूर भोजन मिले.”

अधिकारी ने कहा कि जो कोई भी यहां भोजन का निरीक्षण करना चाहता है, वह बिना सूचना के कभी भी आ सकता है. हम सुनिश्चित करेंगे की सब व्यवस्थाए एकदम ठीक हो.

बता दें, पूरे मध्य प्रदेश के ये एथलीट आगामी अखिल भारतीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर के लिए भोपाल शहर में हैं. ये प्रतियोगिता 17 से 22 दिसंबर तक आंध्र प्रदेश में आयोजित की जाएगी.

इस मामले में क्लिप वायरल होने के बाद जब मीडिया ने इस मामले को उठाया तो कम से कम फ़िलहाल अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि खिलाड़ियों को खाने पीने की कमी नहीं होने दी जाएगी.

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