पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले 17 महीने से भी ज्यादा वक्त से जातीय हिंसा जारी है और अब तक शांति बहाल नहीं हो पाई है. हिंसा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह को विपक्षी दल लगातार निशाने पर लेते रहे हैं. इस बीच अब बीजेपी विधायकों ने भी मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक 19 बीजेपी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है. इसमें विधानसभा के स्पीकर थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनान खेमचंद भी शामिल हैं.
दरअसल, मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद विधायकों ने प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा है.
इंडिया टुडे के मुताबिक पांच विधायकों ने बुधवार को ही पीएम मोदी को पत्र सौंप दिया था. इस पत्र में विधायकों ने बीजेपी सरकार पर उठ रहे सवालों को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है.
उनका कहना है कि मणिपुर में शांति बहाल करने में नाकामी को लेकर उनसे सवाल पूछे जाते हैं. इस पर जवाब देना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है कि अगर मुखिला हल निकालने में नाकाम है तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए.
बीजेपी विधायकों द्वारा भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि हम बीजेपी के समर्थक के तौर पर मणिपुर को बचाने की जिम्मेदारी महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें जनता ने जनादेश दिए हैं. इसके अलावा हिंसा के चलते बीजेपी का पतन हो रहा है. उससे भी हम दुखी हैं.
ऐसे में मुख्यमंत्री को हटाना ही फिलहाल राज्य में जातीय हिंसा को रोकने का एकमात्र तरीका नजर आ रहा है.
पत्र में बीजेपी विधायकों ने कहा है कि राज्य में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है लेकिन उनसे समस्या का कोई भी हल नहीं निकलने वाला है, बल्कि शांति के लिए बातचीत करना सबसे अहम होगा.
विधायकों ने पीएम मोदी से अपील की है कि सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू की जाए ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके. जिन वजहों से बातचीत नहीं हो पा रही है उनकी पहचान करनी चाहिए. राज्य में बातचीत के लायक माहौल तैयार करना चाहिए. मणिपुर के लोगों की सुरक्षा के लिए तुरंत विवाद में शामिल लोगों के साथ बातचीत जरूरी है.
विधायकों ने साफ कहा कि अगर जल्दी कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. जिससे भारत को काफी नुकसान होगा. पत्र में कहा गया है कि केवल बहुआयामी तरीके से बातचीत और सार्थक जुड़ाव ही सुलह और शांति स्थापित कर सकता है.
इसके अलावा बंद हुए प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में जरूरी चीजों की कमी हो रही है और साथ में उनकी कीमत भी आसमान छू रही हैं. इससे महंगाई दर अपने सबसे ऊंची दर पर है और राज्य के कुछ इलाकों में आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कुछ वर्गों के लोग बेरोजगार हो गए हैं.