छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले में माओवादियों ने सरपंच पद के प्रत्याशी जोगा बारसे की निर्मम हत्या कर दी. जोगा बारसे की आयु 45 वर्ष बताई गई है.
पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि यह हत्या गुरुवार रात को अरनपुर गांव में हुई. माओवादियों ने प्रत्याशी के घर में घुसकर उनकी हत्या की.
हमलावरों की संख्या करीब 5-6 थी और उन्होंने पहचान छिपाने के लिए अपना चेहरा कपड़े से ढक रखा था.
कुल्हाड़ी से दरवाज़ा तोड़कर घर में घुसने के बाद उन्होंने परिवार के सामने ही उनकी गला रेतकर हत्या कर दी.
पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रहे माओवादी
छत्तीसगढ़ में फरवरी महीने में ही तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं. माओवादी 17, 20 और 23 तारीख को होने वाले पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लोगों को चुनाव न लड़ने की धमकी भी दी गई थी.
माना जा रहा है कि बारसे के चुनाव लड़ने से नाखुश होकर माओवादियों ने उन पर हमला किया और उनकी जान ले ली.
आदिवासी नेता थे जोगा बारसे
जोगा बारसे क्षेत्र के प्रभावशाली आदिवासी नेता थे. वे कई बार चुनाव जीत चुके थे और लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ थी.
शुरुआत में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे लेकिन बाद में वे कांग्रेस के सहयोगी बन गए थे. उनकी हत्या से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. पुलिस का कहना है कि हमलावरों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
पहले भी हुईं हत्याएं
यह पहली बार नहीं है जब माओवादियों ने इस तरह की हिंसा को अंजाम दिया हो. इससे पहले 4 फरवरी को भी माओवादियों ने एक युवक की हत्या कर दी थी. यह हत्या पुलिस के मुखबिर होने के शक में की गई थी.
3 फरवरी की रात को बीजापुर ज़िले में भी दो लोगों की हत्या कर दी गई थी.
जनवरी में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई थीं जिनमें मुखबिरी के संदेह में कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. 26 जनवरी को भैरमगढ़ में 41 वर्षीय व्यक्ति की हत्या हुई थी जबकि 16 जनवरी को मिरतुर इलाके में 48 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी.
बस्तर में बढ़ती हिंसा
पिछले साल बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में माओवादी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में 68 नागरिक मारे गए थे. यहां के दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जैसे जिले माओवादी गतिविधियों से सबसे अधिक प्रभावित हैं.
राज्य में इस समय नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं.
11 फरवरी को 173 नगरीय निकायों के चुनाव होंगे जबकि पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न होंगे.
ऐसे में माओवादियों की धमकियों और हिंसक वारदातों से मतदाताओं और प्रत्याशियों में डर का माहौल बना हुआ है.