HomeAdivasi Dailyआदिवासी युवाओं के लिए ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू

आदिवासी युवाओं के लिए ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू

अर्जुन मुंडा के अनुसार, उनका पूरा ध्यान आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आजीविका को मजबूत करने पर है और इसके साथ ही केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है.

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation) ने सेवा भारती और युवा विकास सोसाइटी के सहयोग से ग्रामीण उद्यमी परियोजना का दूसरा चरण शुरू किया है. ग्रामीण उद्यमी परियोजना के तहत जनजातीय युवक युवतियों के कौशल विकास और उद्यमिता सशक्तिकरण के पहल की यह शुरुआत है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यबल में आदिवासी समुदायों की भागीदारी पर जोर दिया है, जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके और उन्हें अपने-अपने भौगोलिक क्षेत्रों में शामिल किया जा सके.

बयान के अनुसार, ग्रामीण उद्यमी एक बहु-कौशल परियोजना है, जिसे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा वित्त पोषित किया गया है. जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और झारखंड में 450 आदिवासी छात्रों को प्रशिक्षित करना है. इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि यह परियोजना महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात सहित छह राज्यों में लागू की जा रही है.

अर्जुन मुंडा के अनुसार, उनका पूरा ध्यान आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आजीविका को मजबूत करने पर है और इसके साथ ही केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है.

मुंडा ने कहा कि इस तरह की योजनाओं और पहल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वामित्व बढ़ाने की भी सख्त जरूरत है. आदिवासी युवाओं में इतनी क्षमता और योग्यता है कि हमें उनकी प्रतिभा का सही जगह इस्तेमाल करने के लिए सही रास्ते तलाशने की जरूरत है. ये पहल इस दिशा में एक कदम है. ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट झारखंड के आदिवासी समुदायों के लिए गेम चेंजर साबित होगा.

कौशल विकास और उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग आत्मनिर्भर गांवों, आत्मनिर्भर कस्बों और आत्मनिर्भर ज़िलों से होकर जाएगा. इसलिए हमारे आदिवासी समुदाय भारत के आर्थिक विकास को गति देने के हमारे प्रयासों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.  

उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट ने मध्य प्रदेश में जो सफलता हासिल की है, उसे झारखंड में भी वही प्रतिक्रिया मिलेगी क्योंकि स्किलिंग किसी भी क्षेत्र की समृद्धि का पासपोर्ट है.

केन्द्रीय जल शक्ति एवं जनजातीय कल्याण मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों की समावेशिता, फाइनेंशियल ग्रोथ पर भी ध्यान केंद्रित किया है और निश्चित रूप से ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट हमारी आदिवासी आबादी को आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान करेगा.

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