HomeAdivasi Dailyउत्तराखंड: वन गुर्जर आदिवासियों की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए समिति...

उत्तराखंड: वन गुर्जर आदिवासियों की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए समिति का गठन

समिति वन गुर्जरों से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान देगी. इसमें इन आदिवासियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर, पुनर्वास, जंगल की ज़मीन के अधिक्रमण और राज्य सरकार के अलग-अलग निर्देश, जो इस समुदाय के जीवन पर असर डालते हैं, उनपर बात होगी.

उत्तराखंड वन विभाग ने राज्य में रहने वाले वन गुर्जर आदिवासी समुदाय की समस्याओं की पड़ताल के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति का सामाजिक न्याय विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी करेंगे.

समिति वन गुर्जरों से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान देगी. इसमें इन आदिवासियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर, पुनर्वास, जंगल की ज़मीन  के अधिक्रमण और राज्य सरकार के अलग-अलग निर्देश, जो इस समुदाय के जीवन पर असर डालते हैं, उनपर बात होगी.

समिति का गठन उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा सरकार को दिए गए निर्देशों के तहत किया गया है. कोर्ट ने अपनी पिछली ससुनवाई में सरकार को समिति का पुनर्गठन करने को कहा था.

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि संविधान के तहत आदिवासियों के उतने ही मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) हैं, जितने किसी आम शहरी या ग्रामीण व्यक्ति के हों.

समिति ग़ैर-सरकारी संगठन थिंक एक्ट राइज़ फ़ाउंडेशन (TARF) से भी बात करेगी. इस फ़ाउंडेशन ने ही एक पीआईएल के ज़रिए इस आदिवासी समुदाय की मुश्किलों की तरफ़ कोर्ट का ध्यान खींचा था.

अब समिति हर महीने बैठक करेगी, और अपनी मासिक रिपोर्ट राज्य सरकार और कोर्ट दोनों को सौंपेगी. इसके अलावा, समिति को वन अधिकार अधिनियम के तहत अधिकारों के साथ-साथ उनके पुनर्वास के लिए दिए जाने वाले मुआवज़े पर विचार-विमर्श का भी ज़िम्मा है.

आदेश देते वक़्त कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड में बड़ी आदिवासी आबादी है, और राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह उनका ख्याल रखे.

उत्तराखंड में कई आदिवासी समुदाय रहते हैं. इनमें वन गुर्जरों के अलावा भोटिया या शौका, बुक्सा या भोक्सा, थारू, जौनसरी, बनरावत और माहीगीर शामिल हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments