दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत के एक महीने बाद भी एक भी दोषी के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई है. नौ लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को सिलवासा में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया. रैली आदिवासी विकास संगठन और कुछ दूसरे संगठनों द्वारा घोषित किए गए बंध के बाद हुआ.
दिवंगत आदिवासी सांसद मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने इस जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनके पिता के लिए न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने का समय आ गया है.
अभिनव ने कहा, “पिछले एक महीने से, हमने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जारी रखा है. लेकिन अब कोई शांतिपूर्ण कैंडल मार्च नहीं निकाला जाएगा. अब लड़ाई शुरू हो गई है, और हमें आगे बढ़ना है. एफ़आईआर में नामित सरकारी अधिकारियों को अपना सामान पैक करना चाहिए और डीएनएच छोड़ना चाहिए. जो हिम्मतनगर में हैं, उन्हें वहीं रहना चाहिए. अब हम चुप नहीं बैठेंगे.”
डेलकर की मौत से जुड़ी एफ़आईआर में दादरा और नगर हवेली के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफ़ुल्ल पटेल समेत नौ लोगों के नाम हैं.
डीएनएच से सात बार के सांसद मोहन डेलकर ने 22 फ़रवरी को मुंबई में एक होटल के कमरे में फ़ांसी लगाकर आत्महत्या की थी. उन्होंने यह क़दम उठाने से पहले गुजराती में 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें न्होंने कई नाम लिए थे.
डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने 9 मार्च को नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी.
(इस आर्टिकल में इस्तेमाल की गई तस्वीरें कुनाल मेराई द्वारा खींची गई हैं)