तमिल नाडु के कल्लकुरिची ज़िले से एक आदिवासी परिवार के पीड़ित होने की ख़बर समाने आई है. मलई कुरवर आदिवासी समुदाय की एक 22 साल की औरत ने ज़िले के चिन्न सेलम पुलिस पर उसके पति और चार रिश्तेदारों को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाया है.
उसने इस मामले में जिला प्रशासन को एक याचिका भी दी है.
कलेक्टर को सौंपी याचिका में तिलाई नगर की भुवनेश्वरी ने शिकायत की है कि चिन्न सेलम पुलिस से सादे कपड़े पहने पुलिसकर्मियों की एक टीम ने उनके पति, 25 साल के प्रकाश और रिश्तेदार 35 साल के धर्मराज और साल के सेल्वम को सोमवार रात को उठा उनके घर से उठा लिया.
भुवनेश्वरी ने दावा किया है कि यह सभी उस समय घर पर सो रहे थे, जब अचानक पुलिस टीम ने दरवाज़ा खटखटाया और तीनों को पुलिस वैन में ले गए. भुवनेश्वरी ने अपनी याचिका में कहा है कि परिवार के बार-बार पूछने के बावजूद पुलिस ने उन्हें यह नहीं बताया कि उन तीनों को क्यों उठाया जा रहा था.
आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर इस मामले की तुलना हाल ही में रिलीज़ हुई जय भीम फ़िल्म से की है.
द हिंदू के मुताबिक़, भुवनेश्वरी जब पुलिस थाने पहुंचीं, तो यह तीनों थाना परिसर में नहीं थे और उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था, और कहीं और कैद किया गया था. इसके बाद पुलिस फिर से तिलई नगर आई और उनके दो और रिश्तेदारों – साल के परमशिवम और साल के शक्तिवेल को उठाकर चले गए.
अखबार द्वारा संपर्क करने पर, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीन लोग कल्लकुरिची शहर में एक घर में तोड़फोड़ और चोरी की घटनाओं में शामिल थे. तीनों के उंगलियों के निशान, घटनास्थल से लिए गए नमूनों से मेल खाते हैं. बाकि दो लोगों को रिहा कर दिया गया है.
रिहाई के बाद सेल्वम और परमशिवम ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हिरासत में बाकि तीनों को बुरी तर पीटा गया है. उनका दावा है कि धर्मराज को सिर्फ़ उनके अंगूठों से लटकाया गया, और बेरहमी से पीटा गया. इसके अलावा वो यह भी कहते हैं कि पुलिस ने उनसे कम से कम एक pawn shop की पहचान करने को कहा ताकि वे दावा कर सकें कि आदिवासियों ने शहर में एक घर से गहने चुराए थे.
वो कहते हैं कि सब को तब तक पीटा गया जब तक कि उन्होंने अपराध स्वीकार नहीं कर लिया, लेकिन सेल्वम और परमशिवम को रिहा कर दिया गया क्योंकि वो दोनों बीमार थे.
प्रकाश और धर्मराज को बुधवार शाम को कल्लकुरिची में कोर्ट में पेश किया गया. दोनों पर चोरी के तीन अलग-अलग इल्ज़ामों में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 2020 का एक मामला भी शामिल है.
उन्हें रिमांड पर लिया गया और कल्लकुरिची उप-जेल भेज दिया गया है. धर्मराज ने जज को बताया कि पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया है. हालांकि पुलिस ने इस बात से इंकार किया है.