विलनकोम्बई में ग्रामसभा की बैठक रद्द होने की वजह से सरकारी ट्राइबल रेसिडेन्शियल स्कूल की स्थापना में सिर्फ़ इसलिए देर हो रही है. ज़िला कलेक्टर को ग्राम सभा की बैठक करनी है.
लेकिन कलेक्टर ने ग्राम सभा की बैठक नहीं की है जिसकी वजह से स्कूल का कंस्ट्रक्शन शुरू करने के लिए ज़रूरी संकल्प पारित नहीं हो पाया है.
विलनकोम्बई की आदिवासी बस्तियों में 38 परिवार हैं, और केम्बनूर में 10 आदिवासी परिवार हैं. यह बस्तियाँ तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व के बफ़र जोन के अंदर हैं.
इन गाँवों तक पहुँचने के लिए विनोबानगर से जंगल के बीच से छह किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है. यहाँ फ़िलहाल कोई नियमित स्कूल नहीं हैं.
विलनकोम्बई में नैशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है, जहां इस गाँव के कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चे पढ़ते हैं.
इन बच्चों के लिए सबसे पास जो स्कूल है वह कोंगरपालयम में है, लेकिन इस तक पहुँचने के लिए उन्हें घने जंगल में 10 किमी की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है.
इसकी वजह से उनमें से अधिकांश पढ़ाई छोड़कर, छोटा-मोटा काम ढूँढने को मजबूर हो जाते हैं.
इन दिक़्क़तों के मद्देनज़र गाँव के लोगों ने एक स्कूल की माँग की थी, जो 11 सितंबर, 2020 को मान ली गई थी. स्कूल की स्थापना के लिए वन विभाग ने वन भूमि का सीमांकन भी कर दिया था.
लेकिन स्कूल शुरू करने के लिए कोंगरपालयम पंचायत में ग्राम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित होना ज़रूरी है.
जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते ही विलनकोम्बई में 34, और केम्बनूर में 10 बच्चों की पहचान कर ली थी, जिन्हें प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश दिया जा सकता है.
इसके लिए उन्होंने एनओसी (No Objection Certificate) भी जारी कर दिया था.
इसके बाद वन विभाग ने जिला कलेक्टर से स्कूल के निर्माण को शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए एक विशेष ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया था.
अब स्कूल का शुरू होना और बच्चों का भविष्य इसी बैठक पर अटका है.