HomeAdivasi Dailyतेलंगाना: वन अधिकारियों पर आदिवासियों की पिटाई का आरोप

तेलंगाना: वन अधिकारियों पर आदिवासियों की पिटाई का आरोप

घटना शुक्रवार और शनिवार को हुई थी. रविवार को इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ितों ने चंद्रगोंडा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई.

तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के चंद्रगोंडा मंडल के मद्दुकुर और बेंडालपाडु गांवों की चार गर्भवती महिलाओं समेत नौ आदिवासी महिलाओं ने वन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने इन औरतों की डंडों और बेल्ट से पीटा.

घटना शुक्रवार और शनिवार को हुई थी. रविवार को इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ितों ने चंद्रगोंडा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, छत्तीसगढ़ से आकर मद्दुकुर और बेंडालपाडु वन क्षेत्रों में बसे लगभग 35 गोट्टिकोया परिवार पिछले 15 से 20 सालों से 39 हेक्टेयर ज़मीन पर पोडु खेती कर रहे हैं.

पिछले कुछ सालों में पोडु भूमि को लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के आदिवासियों और वन अधिकारियों के बीच टकराव की कई घटनाएं हुई हैं. वन अधिकारी दावा करते हैं कि आदिवासी आरक्षित वन क्षेत्रों में खेती कर रहे हैं, जिनपर उनका कोई अधिकार नहीं है, और जिसके स्वामित्व का उनके पास पट्टा भी नहीं है.

पहली घटना में, इन आदिवासी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि वे अपने खेतों में थीं, जब वन अधिकारी वहां पहुंचे, और उन्हें कपास बोने से रोका. वो आरोप लगाती हैं कि विरोध करने पर, अधिकारियों ने उनपर हमला कर दिया. पीड़ितों ने दावा किया कि अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा.

दूसरी घटना में, वन अधिकारियों ने कथित तौर पर बेंडालपाडु गांव की पांच आदिवासी महिलाओं पर हमला किया. इन महिलाओं की पहचान राव्वा जोगी, राव्वा विदी, सोडे शांति, सोडे सुकुड़े और राव्वा भीम के रूप में हुई. आदिवासी महिलाओं का आरोप है कि वन अधिकारी पिछले कुछ सालों से उन्हें परेशान कर रहे हैं.

ये महिलाएं कहती हैं कि वह दशकों से जिस जमीन पर खेती कर रहे हैं, उसके लिए पट्टा जारी करने के लिए वो आवेदन कर चुके हैं. उनके आवेदन पर अभी विचार चल ही रहा है, लेकिन वन अधिकारी उन्हें खेती करने से रोक रहे हैं, वो कहती हैं.

अखबार के मुताबिक़, चंद्रगोंडा वन रेंज अधिकारी चालमाला श्रीनिवास राव ने महिलाओं के इन आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, “हमने किसी आदिवासी महिला को नहीं पीटा. हम 10 से भी कम सदस्य थे, और वे 50 से ज़्यादा.”

पोडु खेती का मुद्दा क्या है

पिछले कुछ सालों में पोडु भूमि को लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के आदिवासियों और वन अधिकारियों के बीच टकराव की कई घटनाएं हुई हैं. मानसून के आते ही इन घटनाओं की ख़बरें भी आने लगती हैं.

हाल ही में आदिलाबाद ज़िले से ख़बर आई थी कि वहाँ पर 12 औरतों को पुलिस ने जेल भेज दिया था. वो ख़बर आप यहां पढ़ सकते हैं.

पोडु खेती और उससे जुड़े विवाद के कई पहलू हैं, जिनमें इस तरह की झड़पों के अलावा तेलंगाना सरकार की हरिता हरम योजना भी शामिल है. इस पूरे मुद्दे को समझने और समझाने के लिए हमने एक वीडियो भी बनाया है. The Adivasi Question के उस एपिसोड को देखने के लिए यहां क्लिक करें.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है.)

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