छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बतौली ब्लॉक के ग्राम चिरंगा में स्थपित होने वाली एक एल्युमीनयम रिफाइनरी फैक्ट्री स्थापित करने का प्रस्ताव है. इस फ़ैक्ट्री के लिए पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति अभी नहीं मिली है.
इस स्वीकृति से पहले यहाँ पर ग्रामीणों के बीच जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इस जनसुनवाई के दौरान प्रशासन को कुछ ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा.
स्थानीय पत्रकारों के अनुसार जनसुनवाई में मौजूद कुछ ग्रामीण इस प्लांट के लगाए जाने के विरोध में बोल रहे थे. यह भी पता चला है कि जनसुनवाई में मौजूद कुछ ग्रामीण स्टेज पर चढ़ गए. इन ग्रामीणों में महिलाएँ भी शामिल थीं. ये ग्रामीण इस प्लांट की स्थापना के ख़िलाफ़ हैं.
हालाँकि स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उनका काम यहाँ के लोगों की राय लेकर पर्यावरण मंत्रालय को भेजना है. स्थानीय प्रशासन ने नियम के अनुसार जनसुनवाई में सभी मौजूद लोगों को बोलने का मौक़ा दिया.
सरगुजा के अपर कलेक्टर अमृतलाल ध्रुव ने मीडिया से बातचीत में यह बातें कही हैं. उनका कहना था कि जो लोग इस प्लांट का विरोध कर रहे हैं उनकी बात भी रिकॉर्ड की गई है.
प्रशासन का कहना है कि इस प्लांट को अंतिम पर्यावरण मंज़ूरी देने की ज़िम्मेदारी केन्द्र सरकार की है. स्थानीय प्रशासन का काम लोगों की राय केन्द्र तक पहुँचाने मात्र का है.
इस जनसुनवाई में हुए हंगामे के बारे में उनका कहना था कि जो लोग देर में पहुँचे उन्होंने ही हंगामा किया था.
ग्रामीणों का आरोप है कि उनके विरोध के बावजूद प्राइवेट कंपनी को पर्यावरण की स्वीकृति देने के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया गया.
ग्रामीणों का आरोप है कि मां कुदरगढ़ी एल्युमीनयम रिफाइनरी कंपनी प्रशासन से सांठ गांठ कर गांव में फैक्ट्री की स्थापना करना चाहती है.
रामीणों का कहना था कि जनसुनवाई सुबह 9:00 बजे शुरू हुई और दोपहर 12:00 खत्म हो गई. इस दौरान चंद ग्रामीणों को बोलने का मौका दिया गया.
कंपनी प्रबंधन ने जानबूझकर जनसुनवाई को चंद घंटों में खत्म कर दिया. इस वजह से ग्रामीणों को जन सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने का मौका न मिल सका.
ख़बरों के अनुसार ग़ुस्से में ग्रामीणों ने भरी जनसभा में मां कुदरगढ़ी एल्युमीनयम रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर के साथ मारपीट की कोशिश भी की.
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है जब कलेक्टर ने जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित कर 10 दिनों के लिए लॉक डाउन दिया है तो इसके बावजूद इस जनसुनवाई का आयोजन क्यों किया गया.