उत्तरी केरल के वायनाड जिले में दो दिन पहले एक आदिवासी शख्स का अंगूठा कार के दरवाजे में फंस जाने के बाद उसे करीब आधा किलोमीटर तक घसीटने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस ने बताया कि पचिलक्कड़ के निवासी मोहम्मद हरशीद और अभिराम को कलपेट्टा से हिरासत में लिया गया.
पुलिस ने बताया कि चार आरोपियों में से दो अभी भी फरार हैं जिसकी पहचान विष्णु और नबील के रूप में हुई है.
यह घटना 15 दिसंबर की शाम को मनंतवाडी के कूडल कदावु में एक ‘चेक डैम’ के पास की है, जिसके दृश्य सोमवार को टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित किए गए.
बाद में अस्पताल में मीडिया से बात करते हुए मथन ने कहा कि उसके हाथ और पैर में चोटें आई हैं. उसने कहा, “जब मैं कार की बोनट पर था, तब कार में बैठे लोगों में से एक ने मेरा हाथ पकड़ रखा था.”
मथन ने यह भी खुलासा किया कि कूडल कदावु क्षेत्र में मादक पदार्थ सेवन आम है और कहा कि वह आरोपियों को नहीं जानते.
इस बीच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ.आर. केलू ने अस्पताल में भर्ती मथन से मुलाकात की.
मंत्री ने कहा, ‘‘इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. यह आदिवासी समुदाय के प्रति रवैये को दर्शाता है.’’
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 49 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति का अंगूठा कार के दरवाजे में फंस गया था. उन्होंने बताया कि वाहन में बैठे लोगों से कार रोकने के लिए बार बार कहा गया, लेकिन इसके बावजूद वे लगभग आधा किलोमीटर तक पीड़ित व्यक्ति को सड़क पर घसीटते हुए ले गए.
वहीं वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
वायनाड सांसद ने कहा, “केरल सरकार को मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.”
पूर्व राज्य मंत्री एससी/एसटी और वर्तमान लोकसभा सदस्य के. राधाकृष्णन ने कहा कि आम तौर पर केरल में ऐसी चीजें नहीं होती हैं.
राधाकृष्णन ने कहा, “सिर्फ़ इसलिए कि किसी के पास पैसा है, उसे भागने नहीं दिया जा सकता और कानून को उसके खिलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए.”
वायनाड के विधायक टी. सिद्दीकी ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार के तहत केरल में आदिवासियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वह दुखद है. सिद्दीकी ने कहा, “यह स्वीकार्य नहीं है और गलत काम करने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.”