HomeAdivasi Dailyसरकार का दावा- आदिवासियों में घटी बेरोजगारी

सरकार का दावा- आदिवासियों में घटी बेरोजगारी

पिछले छह वर्षों के पीएलएफएस डेटा से श्रम भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार की प्रवृत्ति का संकेत मिलता है.

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) ने लोकसभा में कहा कि आदिवासी समुदायों (Tribal communities) में बेरोजगारी दर (Unemployment rate) में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जो 2022-23 में 1.8 प्रतिशत थी.

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey) रिपोर्ट के मुताबिक, आदिवासी समुदायों के लिए सामान्य स्थिति पर अनुमानित बेरोजगारी दर (UR) 2019-20 में 3.4 प्रतिशत, 2020-21 में 2.7 प्रतिशत और 2021-22 में 2.4 प्रतिशत थी.

ग्रामीण क्षेत्रों में घटा बेरोजगारी दर

ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 2017-18 में 5.3 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.4 प्रतिशत हो गई है. इसी अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में यह 7.7 प्रतिशत से घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई है.

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि महिलाओं में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो 2017-18 में 5.6 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.9 प्रतिशत हो गई है. युवाओं में इसी अवधि में बेरोजगारी दर 17.8 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है.

पिछले छह वर्षों के पीएलएफएस डेटा से श्रम भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार की प्रवृत्ति का संकेत मिलता है.

पिछले छह वर्षों के पीएलएफएस डेटा से पता चलता है कि देश में रोजगार 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 56 प्रतिशत हो गया है. इसी तरह श्रम बल भागीदारी भी 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 57.9 प्रतिशत हो गई है.

वहीं बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत हो गई है. 2022-23 में, 2.7 प्रतिशत के एलएफपीआर के मुकाबले डब्ल्यूपीआर में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी – मांग की तुलना में अधिक नौकरियां.

युवाओं के लिए बेरोजगारी दर में कमी

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह भी कहा कि देश में युवाओं के लिए बेरोजगारी दर में कमी आ रही है क्योंकि 2022-23 के लिए बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत रही, जबकि 2021-22 की तुलना में यह 4.1 प्रतिशत थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवीनतम केएलईएमएस आंकड़ों के मुताबिक, देश में रोजगार 2014-15 में 47.15 करोड़ की तुलना में 2023-24 में बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है. 2014-15 से 2023-24 तक रोजगार में कुल वृद्धि लगभग 17.19 करोड़ रही.

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