ओडिशा के बारिपदा के बंगीरिपोसी ब्लॉक के ब्राह्मणगांव ग्राम पंचायत के दांतियाकचा गांव के निवासियों के लिए सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं दूर का सपना है.
लगभग 200 आदिवासी परिवारों वाले गांव को अभी तक बिजली और पक्की सड़क नसीब नहीं हुआ है. जिन ग्रामीणों को सरकारी योजना के तहत कोई घर आवंटित नहीं किया गया है, उन्होंने कहा कि वे पास के जंगल से साल के पत्ते इकट्ठा करके अपना गुजारा करते हैं. सिंचाई सुविधा के अभाव में गांव में धान की खेती संभव नहीं है.
स्थानीय लोग बंगीरिपोसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं और वो भी गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर है, जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र भी नहीं है. गांव के बच्चे पास में कोई भी प्राथमिक विद्यालय नहीं होने के चलते शिक्षा से दूर है. एक विद्यालय है तो चुराबांध में सड़क सुविधा न होने के कारण वो बच्चों की पहुंच से बाहर है.
एक स्थानीय निवासी रामचंद्र हेम्ब्रम ने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी गांव में अंधेरा है. कुछ स्थानीय लोगों के पास मोबाइल है और इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें दूसरे गांवों में उसे चार्ज करने जाना पड़ता है. मिट्टी के तेल की बढ़ती कीमतों के कारण ग्रामीण जल्दी सो जाते हैं. इस वजह से आस-पास के गांवों के स्कूलों में जाने वाले मुट्ठी भर बच्चे घर पर पढ़ने में असमर्थ हैं.
दांतियाकचा गांव एक उबड़-खाबड़ रास्ते से बंगीरिपोसी से जुड़ा हुआ है. मार्ग पर झुमुरी नाले पर पुल का निर्माण होना बाकी है. मयूरभंज के कलेक्टर विनीत भारद्वाज ने कहा कि वह जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के परियोजना निदेशक और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी, बारीपदा के अधिकारियों को स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को गांव का दौरा करने के लिए कहेंगे. टीम अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपने के बाद आवश्यक कदम उठाएगी.
(Photo Credit: The New Indian Express)