राजस्थान सरकार ने इस साल के बजट में आदिवासी विकास को प्राथमिकता दी है. इस बजट में आदिवासी विकास के लिए आवंटित खर्च को 1500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,750 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
यह कदम राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और आजीविका से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.
आदिवासी समुदाय के लिए नई योजनाएं
राज्य के जनजातीय क्षेत्र विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बताया कि सरकार अनुसूचित क्षेत्रों, MADA क्षेत्र और सहारिया आदिम जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाओं को लागू कर रही है.
सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारना और आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाना है.
सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण
सरकार ने आदिवासी वीरों के योगदान को सम्मान देने के लिए विभिन्न स्मारकों के निर्माण की घोषणा की है.
इसमें डूंगर बारंडा, बंसिया चारपोटा और वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय के स्मारक बनाने के प्रस्ताव शामिल हैं.
ये स्मारक नई पीढ़ी को अपनी समृद्ध आदिवासी विरासत से जोड़ने का काम करेंगे.
रोज़गार और कौशल विकास पर ज़ोर
जनजातीय क्षेत्र विकास मंत्री ने बताया कि सरकार आदिवासी युवाओं के लिए रोज़गार से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है. प्रशिक्षण से जुड़े कार्यक्रम में अब तक 4,697 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
साथ ही वनधन केंद्रों की स्थापना से आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
राज्य के नौ जिलों में 530 वनधन केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों से 1.53 लाख सदस्यों को लाभ मिल रहा है.
पिछड़ी जनजातियों के लिए विशेष योजनाएं
सहरिया जैसी अत्यंत पिछड़ी जनजातियों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बारां ज़िले में 17 नए बहुउद्देशीय केंद्र को स्वीकृत दी गई है.
इसके अलावा 51 वनधन विकास केंद्र आदिवासी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से स्थापित करने की जानकारी भी दी गई.
राज्य सरकार ने सहारिया, कथौड़ी और खैरवा जनजातियों के लिए 1.3 लाख से अधिक लोगों को निःशुल्क खाद्य आपूर्ति देने की घोषणा की है.
इसके तहत 500 ग्राम दाल, 500 मिलीलीटर तेल और 250 मिलीलीटर देसी घी प्रति माह प्रत्येक परिवार को उपलब्ध कराया जाएगा.
खराड़ी ने विभाग द्वारा की गई कई नवीन पहलों को रेखांकित किया. उन्होंने नवीन अमृत कलश योजना, आदिवासी डिज़ाइन स्टूडियो “बनफूल” की स्थापना और लैक्रॉस खेल को बढ़ावा देने की बात कही.
जनजातीय छात्रावासों के लिए नई व्यवस्था
राजस्थान सरकार ने आदिवासी छात्रावासों में अधीक्षकों (Supervisors) की भर्ती के लिए ग्रेड-2 अधीक्षक पदों का निर्माण किया है, जो राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा नियम, 2022 (Rajasthan Subordinate and Ministerial Service Rules, 2022) में शामिल किए गए हैं. इसके तहत 470 पदों पर भर्ती की जाएगी.
संस्कृति संरक्षण, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर यह बजट आदिवासी समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है. लेकिन सवाल है कि क्या इस बजट का उपयोग सही कार्यों के लिए होगा या एक बार फिर ये सभी विकास कार्य धरातल के बजाय कागज़ों पर पूरे होंगे?