झामुमो (JMM) पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन अंजनी सोरेन को मयूरभंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
अंजनी सोरेन का नाम अभी तक पार्टी ने मयूरभंज सीट के लिए औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया है. लेकिन पार्टी के नेता कहते हैं कि यह लगभग तय है कि वही पार्टी की उम्मीदवार होंगी.
ओडिशा में इस लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ हो रहे हैं.
अंजली सोरेन लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर अपनी किस्मत अज़माने वाली है.
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में अंजनी ओडिशा के मयूरभंज ज़िले से ही लड़ी थी. इस चुनाव में उन्हें 1,35,552 वोट मिले थे.
बीजेपी के बिश्वेश्वर टुडु ने उन्हें हरा कर यह सीट हासिल की थी. हांलाकि बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है.
ओडिशा का मयूरभंज आदिवासी बहुल ज़िला है. लोकसभा में ओडिशा की पांच सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित की गई है. जिनमें मयूरभंज भी शामिल है.
इस ज़िले का प्रभाव राज्य की अन्य पांच आरक्षित सीटों पर भी पड़ सकता है. इसलिए सभी पार्टियों की ये कोशिश है की वे ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करें, जो आदिवासियों के मुद्दे को भलीभांति जानता हो.
कांग्रेस के अलावा अब तक बीजेडी, बीजेपी और जेएमएम ने मयूरभंज से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेडी से सुदाम मरांडी, बीजेपी से नाबा चरण मांझी और जेएमएम से अंजनी सोरेन मयूरभंज सीट से दावेदार के रूप में चुने गए है.
कौन है अंजनी सोरेन
अंजनी सोरेन ओडिशा जेएमएम पार्टी की अध्यक्ष है. उनके पिता शिबु सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री रहे चुके है और भाई झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड में सत्ताधारी पार्टी है. ओडिशा का मयूरभंज संताल बहुल इलाका है.
जेएमएम के संस्थापक शिबु सोरेन भी संताल समुदाय से हैं. इसलिए उनके परिवार का भी इस इलाके में अच्छा प्रभाव नज़र आता है.