HomeMain Bhi Bharatअबूझमाड़: माओवादी गढ़ में 2 जुलाई को क्या हुआ था

अबूझमाड़: माओवादी गढ़ में 2 जुलाई को क्या हुआ था

मानसून में अबूझमाड़ के दुर्गम जंगल में जाने में ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है. सांप से लेकर मलेरिया तक यहां आपके जान के दुशमन बन जाते हैं. इसके अलावा यह ईलाका देश भर में माओवाद का आख़िरी किला भी माना जाता है. देखिए इस जंगल से यह बेहद ख़ास रिपोर्ट -

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले में सुरक्षा बलों ने दावा किया कि उनकी टीम ने अबूझमाड़ के जंगल में कम से कम 5 ख़तरनाक माओवादियों को मार गिराया.

यह मुठभेड़ घमंडी नाम के गांव के पास के जंगल की बताई गई. लेकिन घमंडी गांव के लोगों ने पत्रकारों को बताया कि इस पुलिस ने दरअसल माओवादियों के नाम पर निर्दोष गांव वालों को मार दिया है.

मैं भी भारत की टीम बरसात के मौसम में दुर्गम अबूझमाड़ के जंगल में बसे इस छोटे से आदिवासी गाँव पहुंची और वहां के लोगों की बातें सुनीं.

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के जंगल में पिछले दिनों में सुरक्षाबलों ने अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं. उधर माओवादियों ने भी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने लोगों की सूचि जारी की है.

घमंडी गांव से लौट कर मैं भी भारत की टीम ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. आप यह रिपोर्ट देखने के लिए उपर के लिंक पर क्लिक करें.

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