तमिलनाडु (Tribes of Tamil Nadu ) के कोडकराई आदिवासी गांव में खसरा( measle-rubella), डिप्थीरिया जैसी कई बीमारियों से यहां पर रहने वाले बच्चे प्रभावित हो रहे हैं.
फरवरी के मध्य में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह जानकारी मिली थी कि कोडकराई में रहने वाला एक 8 वर्षीय आदिवासी लड़का बुखार से ग्रस्त हैं और उसे शरीर में दाने भी हो रहे हैं.
लेकिन अधिकारी उस वक्त आने वाली चुनौतियों को भांप नहीं पाए.जब ऐसे ही सामान्य लक्षण 15 और आदिवासी बच्चों में देखने को मिले, तब जाकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्चों का सैंपल लेना शुरू किया.
इन सैंपल को जांच के लिए चेन्नई भेजा गया और पता चला कि यह बच्चे खसरा से प्रभावित हैं.
अच्छी खबर ये है की स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही पता चला, उन्होंने तुरंत एक्शन लिया.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक कोच्चावुर और कोदाकराई में फरवरी के अंत तक बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को वैक्सीन दी गई.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आरोप लगाया की गांव के आदिवासी अपने बच्चों को टीका लगवाने को तैयार नहीं थे और भागने की कोशिश भी कर रहे थे.
लेकिन अपनी इस कोशिश को ज़ारी रखते हुए, 16 मार्च से 18 मार्च तक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा हेल्थ कैंप लगाए गए.
इस हेल्थ कैंप के दौरान 377 बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है. स्वास्थ्य विभाग ने पिछले एक महीने में 497 बच्चों को खसरा-रूबेला, डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस (डीपीटी) और टेटनस और डिप्थीरिया (टीडी) के टीके लगाए.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों को छोटे गिफ्ट देकर बहलाया गया.
अधिकारियों का आरोप है कि वैक्सीनेशन के दौरान बच्चे उनसे दूर भाग रहे थे और माता-पिता ने भी वैक्सीनेशन में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई.
वहीं वैक्सीनेशन के दौरान एक आदिवासी महिला ने नर्स पर हमला किया.
हालांकि नर्स पर हमले की बात जब ज़िला कलेक्टर से पूछी गई तो उन्हें इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी.इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि आदिवासी बच्चों में बीमारी को फैलने से रोक दिया गया है.
वैक्सीनेशन का काम फरवरी के महीने से ही शुरू हो गया था.