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डोंगरिया कोंध आदिवासियों के बीच 14 नए मामले, कोविड टेस्टिंग को लेकर संकोच और बीमारी के बारे में बढ़ रही है गलतफ़हमी

इस विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) के बीच कोविड टेस्टिंग को लेकर काफ़ी हिचकिचाहट है, और यही इस बीमारी के प्रसार को रोकने में एक बड़ी बाधा बन रही है.

ओडिशा के डोंगरिया कोंध आदिवासियों के बीच कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. रायगड़ा के कल्याणसिंहपुर के पाकेरी गांव में इस आदिम जनजाति के बीच 13 नए मामले सामने आए हैं.

इस विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) के बीच कोविड टेस्टिंग को लेकर काफ़ी हिचकिचाहट है, और यही इस बीमारी के प्रसार को रोकने में एक बड़ी बाधा बन रही है.

रायगड़ा ज़िले के बिसमकटक, कल्याणसिंहपुर और मुनिगुडा ब्लॉक के अंतर्गत सात ग्राम पंचायतों में लगभग 10,000 डोंगरिया कोंध आदिवासी रहते हैं.

पिछले हफ्ते पांच डोंगरिया आदिवासियों को कोविड-19 हुआ था. उस समय इन जगहों पर ऐसे और भी लोग जिन्हें कोरोना के लक्षण थे.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए डोंगरिया कोंध आदिवासियों के विरोध के बावजूद समुदाय के 16 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया. इनमें से 13 लोग पॉज़िटिव पाए गए.

गांव के बाकी लोगों ने इस डर से टेस्ट से इनकार कर दिया कि उनकी नाक में कपास की कलियां डाली जा रही हैं, और पॉज़िटिव पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

यह आदिवासी समूह मानता ​​​​है कि बुखार और सर्दी एक सामान्य बीमारी है, और इसके लिए इलाज की आवश्यकता नहीं होती है. ऐसी स्थिति में कोविड के बढ़ते मामलों के सामने आने से, डोंगरिया कोंध आदिवासियों के बीच तेज़ी से संचरण का डर है.

यह समुदाय छोटे-छोटे घरों में रहता है, जिसमें होम आइसोलेशन तो नामुमकिन है ही, ज्यादातर घरों में इकलौता कमरा और ज़ीरो वेंटिलेशन है.

डोंगरिया कोंध आदिवासी अप्रैल और मई के मीहनों में आम तोड़कर पैसा कमाते हैं. ऐसे में उनका मानना है कि अस्पताल में भर्ती होने पर एक पखवाड़े की कमाई वो खो देंगे. इसलिए वो टेस्टिंग से इनकार कर रहे हैं.

डोंगरिया कोंध विकास एजेंसी, परसाली के विशेष अधिकारी मदन मोहन दलबेहरा ने मीडिया को बताया कि डोंगरिया कोंध परिवारों में महिलाओं का वर्चस्व है, और एक बार उन्होंने परीक्षण कराने से इनकार कर दिया, तो बाकी सदस्य भी यही कहते हैं.

रविवार को कोविड टेस्ट कराने वाले ज़्यादातर आदिवासियों में कोई लक्षण नहीं थे. अब डर है कि कोविड-19 इन गांवों में तेज़ी से फैल रहा है, और ज़्यादा लोगों में लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

सोमवार को आदिवासी विकास एजेंसी और ब्लॉक अधिकारियों ने डोंगरिया कोंध के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें समझाया कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए पाकेरी के सभी निवासियों का टेस्ट ज़रूरी है.

इस बीच गांव में एससी-एसटी विकास विभाग द्वारा बनाए गए सामुदायिक केंद्र में संक्रमितों को आइसोलेट कर दिया गया है. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन डोंगरिया कोंध आदिवासियों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार और टेस्ट के बारे में उन्हीं की कुवी भाषा में बता रहा है.

पाकेरी गांव के 13 ताज़ा मामलों के अलावा, पिछले 24 घंटों में एक और व्यक्ति का कोविड टेस्ट पॉज़िटिव आया है. इसके साथ ही डोंगरिया कोंध समुदाय में संक्रमितों की कुल संख्या 19 हो गई है.

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