HomeAdivasi Dailyओडिशा: 24 आदिवासी गांवों को सामुदायिक और वन संसाधन अधिकार के पट्टे...

ओडिशा: 24 आदिवासी गांवों को सामुदायिक और वन संसाधन अधिकार के पट्टे दिए गए

यह पहली बार है कि पारंपरिक प्रबंधन प्रणालियों को देश में पट्टे दिए जाने के लिए मान्यता दी गई है. नयागढ़ में टाइटल डीड यानि पट्टों के बांटे जाने की एक और ख़ासियत यह भी है कि इसमें अनुसूचित जनजातियों के अलावा जंगल में रहने वाले दूसरे लोगों के कई गांव भी शामिल हैं.

ओडिशा के नयागढ़ ज़िले के चौबीस गांवों को 2 नवंबर, 2021 को 14 सामुदायिक अधिकार (CR) और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) पट्टे दिए गए हैं. यह पट्टे फ़ॉरेस्ट राइट्स एक्ट, 2006 (एफ़आरए) के तहत दिए गए हैं.

एफ़आरए ग्राम सभाओं को “किसी भी सामुदायिक वन संसाधन की रक्षा करने, पुनर्जीवित करने, संरक्षित करने या मैनेज करने का अधिकार देता है, जिसे वो पारंपरिक रूप से इस्तेमाल और संरक्षित करते रहे हैं.”

यह पहली बार है कि पारंपरिक प्रबंधन प्रणालियों को देश में पट्टे दिए जाने के लिए मान्यता दी गई है. नयागढ़ में टाइटल डीड यानि पट्टों के बांटे जाने की एक और ख़ासियत यह भी है कि इसमें अनुसूचित जनजातियों के अलावा जंगल में रहने वाले दूसरे लोगों के कई गांव भी शामिल हैं.

नयागढ़ जिला कल्याण अधिकारी दयानिधि नाइक ने डाउन टू अर्थ को बताया, “यह ज़िले में आदिवासी समुदाय के नेतृत्व वाली ecological restoration, वन संरक्षण, जंगल-आधारित आजीविका के साधन और जैव विविधता के संरक्षण को मान्यता देने की दिशा में पहला कदम भी है.”

जिले में वन संरक्षण के लिए लड़ने का इतिहास रहा है. यहां के आदिवासी प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोकने के लिए कई बार ब्रिटिश शासकों के खिलाफ़ भी आवाज़ उठा चुके हैं.

पहले चरण में 14 पट्टे दिए गए और दूसरे चरण में 61 सीआर और सीएफआरआर पट्टे बांटे जाएंगे. इस क़दम इसलिए भी ख़ास है कि यह पहचानता है कि स्थानीय समुदाय जंगलों को बेहतर ढंग से प्रबंधित, शासित और संरक्षित करते हैं.

यह 24 गांव नयागढ़ ज़िले के रानपुर ब्लॉक के तहत सुरुकाबादी, कुलासरा, बजरकोटा और बलभद्रपुर ग्राम पंचायतों का हिस्सा हैं.

नयागढ़ की मां मणिनाग जंगल सुरक्षा परिषद (MMJSP) की सचिव अरखिता साहू ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह आयोजन भविष्य की कार्रवाई का रास्ता साफ़ करेगा, और टाइटल डीड बांटने के दूसरे चरण में तेज़ी लाएगा.”

एफआरए लागू होने के बाद से MMJSP दावा दाखिल करने की प्रक्रिया को आदिवासियों के लिए आसान बना रहा है. MMJSP 136 गांवों में मौजूद है और इसका मकसद रणपुर ब्लॉक में जंगल पर निर्भर गांवों में वन संरक्षण और प्रबंधन करना है.

जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) ने 2018 में इन 24 गांवों के दावों को मंजूरी दी थी लेकिन तब से मामला लंबित था. इलाक़े के आदिवासी समुदाय लंबे समय से इस फैसले को लागू करने के लिए प्रशासन पर दबाव डाल रहे थे. अब पंचायत चुनावों से ठीक पहले वितरण शुरु हुआ है.

नयागढ़ ज़िले में 1,695 गांव शामिल हैं, जिनमें से 1,239 गांवों में सीआर और सीएफआरआर क तहत पट्टे दिए जा सकत हैं. एफआरए लागू होने के बाद से अब तक जिले में 3,868 व्यक्तिगत वन अधिकार (IFR), 32 सीआर और 28 सीएफआर खिताब दिए गए हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments