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छत्तीसगढ़ के तीन नक्सल प्रभावित जिलों के 400 आदिवासी युवा मार्च तक CRPF में होंगे शामिल

यह पहली बार नहीं है जब माओवाद प्रभावित जिलों में इस तरह का विशेष भर्ती अभियान चलाया गया है. 2016 में सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जिलों से 744 अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) के उम्मीदवारों को शामिल करते हुए एक बस्तरिया बटालियन खड़ी की थी.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने छत्तीसगढ़ में तीन माओवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों से 400 आदिवासी युवाओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों से नए भर्ती किए गए लोग मार्च में सीआरपीएफ के बुनियादी प्रशिक्षण में शामिल होंगे.

माओवाद प्रभावित जिलों से सीआरपीएफ में कांस्टेबल की भर्ती प्रकिया को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जून, 2022 को गृह मंत्रालय द्वारा तीन जिलों के स्थानीय आदिवासी युवाओं के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को दसवीं कक्षा से घटाकर आठवीं कक्षा तक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.  

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि भर्ती की सेवाओं की पुष्टि सिर्फ दसवीं कक्षा की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हासिल करने के बाद की जाएगी. जिसके लिए सीआरपीएफ उन्हें केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूल में रजिस्टर कराने में मदद करेगी.

अधिकारी ने बताया कि विज्ञापित कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) पद के लिए हजारों लोगों ने आवेदन किया था. अधिकारी ने समझाया, “हमने सुरक्षा कारणों से पदों के लिए अंतिम रूप से चुने गए उम्मीदवारों की पहचान गुप्त रखी है. क्योंकि कई उम्मीदवारों के परिवारों को माओवादी कैडरों से बल में शामिल होने की चेतावनी देने की धमकी मिली है.”

यह पहली बार नहीं है जब माओवाद प्रभावित जिलों में इस तरह का विशेष भर्ती अभियान चलाया गया है. 2016 में सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जिलों से 744 अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) के उम्मीदवारों को शामिल करते हुए एक बस्तरिया बटालियन खड़ी की थी. अधिकारी ने कहा कि कई पद खाली रह गए क्योंकि चार जिलों के आंतरिक इलाकों के आदिवासी युवा शैक्षिक आवश्यकता मानदंडों को पूरा नहीं कर सके.

अधिकारी ने कहा, “कमियों को दूर करने के लिए वर्तमान भर्ती अभियान के लिए शैक्षिक योग्यता में छूट देने का निर्णय लिया गया.”

अधिकारी ने आगे कहा कि चयनित उम्मीदवारों के कैरेक्टर और बैकग्राउंड का सत्यापन राज्य पुलिस द्वारा किया जा रहा है और कुछ हफ्तों में आयोजित किए जाने की संभावना है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और भर्ती रैलियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान का व्यापक प्रचार सुनिश्चित कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा, “रेडियो चैनलों और अखबारों के माध्यम से सूचना प्रसारित करने के अलावा, कई स्थानों पर बैनर लगाए गए हैं. सीआरपीएफ की टीमों ने अंदरूनी इलाकों में पेट्रोलिंग करते हुए अनाउंसमेंट किया. छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और बस्तरिया बटालियन के जवान जो स्थानीय निवासी भी हैं, ने इस बात को फैलाने में मदद की.”

भर्ती प्रक्रिया में शारीरिक और लिखित परीक्षा शामिल थी. जॉइनिंग के समय कांस्टेबल को महंगाई भत्ता, राशन भत्ता, मुफ्त चिकित्सा और आवास सुविधाओं के अलावा न्यूनतम 21 हज़ार 700 रुपये का वेतन मिलेगा.

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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