पूर्णिया में एक बेहद शर्मनाक और घटना सामने आई है. यहाँ पर एक बिजली मिस्त्री को एक आदिवासी युवती के साथ लोगों ने पकड़ लिया. लोगों ने इन दोनों के साथ बदतमीज़ी की और दोनों को गंजा करा कर गांव में घुमाया. ये लोग यहीं नहीं रुके. इन लोगों ने ज़बरदस्ती दोनों की शादी भी करा दी.
यह हैवानियत कृत्यानंदनगर गणेशपुर पंचायत के डहरिया जमाई टोला आदिवासी गांव की बताई गई है. पता चला है कि परोरा गांव का रहने वाले सुरेन्द्र राय (42) का का 20 साल की लड़की से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. यह भी बताया गया है कि वो पहले से शादीशुदा था.
आदिवासी समाज के लोगों ने शुक्रवार की शाम दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया. इसके बाद दोनों की जमकर पिटाई की गई. बाद में समाज के लोगों ने दोनों का मुंडन कर गले में जूते की माला पहनाकर उन्हें गांव में घुमाया.
आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया कि इस तरह की घटना कोई और ना करे इसलिए दोनों को ये सजा दी गई है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों की आदिवासी रीति-रिवाज से शादी करा दी.
जिसके बाद समाज के लोगों ने युवती को ऑटो पर बिठाकर उसे लड़के के साथ घर भेज दिया. इस मामले में केनगर थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद ने बताया कि उन्हें इसकी सूचना नहीं मिली है और न ही किसी ने कोई शिकायत ही दर्ज कराई है.
गांव में रहने वाले मरड़ राम मुर्मू ने बताया कि बिजली मिस्त्री सुरेन्द्र राय को इससे पहले दो बार लड़की के घर पर पकड़ा गया था. इसके बाद उसे समझा-बुझाकर छोड़ दिया गया, लेकिन जब तीसरी बार दोनों को एक साथ देखा गया तो समाज ने उन्हें पकड़ा लिया. आदिवासी समाज और पंचायत के सरपंच आदि को बुलाकर सभी के सामने दोनों की शादी कराई गई.
इस पूरी घटना में किसी ने यह नहीं सोचा कि ज़बरदस्ती एक शादीशुदा आदमी के साथ आदिवासी युवती की शादी कराने का क्या परिणाम हो सकता है. क्या उस आदमी के परिवार में इस आदिवासी लड़की को सम्मान और स्थान मिल पाएगा. सबसे बड़ी बात की दो बालिग़ लोगों की ज़बरदस्ती शादी करा देना किस नज़र से उचित है.