गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार यानि आज केंद्र से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है.
लोकसभा में बोलते हुए दुबे ने कहा कि 27 जुलाई को झारखंड पुलिस ने आदिवासी लड़कों के खिलाफ क्रूर बल का प्रयोग किया, जो बांग्लादेशियों द्वारा छीनी जा रही अपनी सीटों के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहते थे.
भाजपा सांसद दुबे ने कहा कि पुलिस ने छात्रावास में घुसकर लड़कों पर हमला किया. दो लड़कों की जान जा सकती है और 11 को दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया है.
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार झारखंड में बांग्लादेशियों को बसाने के लिए आदिवासियों को खत्म कर रही है. मैं केंद्र से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील करता हूं.”
निशिकांत दुबे ने बताया कि 1951 में राज्य में आदिवासियों की आबादी 48 फीसदी थी लेकिन साल 2000 में यह घटकर 36 फीसदी रह गई और अब 26 फीसदी है.
रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुबे ने लिखा कि आदिवासी लड़के बांग्लादेशी घुसपैठियों, आदिवासी लड़कियों के खिलाफ लव जिहाद और आदिवासी समाज के खिलाफ भूमि जिहाद के विरूद्ध आंदोलन रोकने के लिए आदिवासी समाज के लड़कों पर संथाल परगना के पाकुड ज़िला में झारखंड पुलिस ने डंडे बरसाए और हत्या का प्रयास किया. आखिरकार अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है.
इससे पहले लोकसभा में पिछले गुरुवार को संताल परगना की बदल रही डेमोग्राफी, आदिवासियों की घटती जनसंख्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उठाया था.
सांसद दुबे ने कहा था कि झारखंड में आदिवासी आबादी बहुत तेजी से घट रही है क्योंकि बांग्लादेश से मुसलमान आकर बस रहे हैं. बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से अवैध घुसपैठिए आ रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “हमारे राज्य में जो आदिवासी महिलाएं एसटी कोटे पर चुनाव लड़ती हैं, उनके पति मुस्लिम होते हैं. हमारे इलाके में 100 आदिवासी ‘मुखिया’ हैं लेकिन उनके पति मुस्लिम हैं.”
भाजपा सांसद ने दावा किया कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी में 110 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा, “हर पांच साल में आबादी या मतदाताओं में 15-17 फीसदी की वृद्धि होती है. लेकिन मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में, जहां से मैं आता हूं, 267 बूथों पर मुस्लिम आबादी में 117 फीसदी की वृद्धि हुई है. झारखंड में कम से कम 25 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुस्लिम आबादी में 110 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है.”
दुबे ने कहा कि हाल ही में पाकुड़ के तारानगर-इलामी और दगापारा में दंगे भड़के क्योंकि मालदा और मुर्शिदाबाद के मुसलमान हिंदुओं को खदेड़ रहे थे.
उन्होंने केंद्र से मांग की और कहा, “हिंदुओं के गांव खाली हो रहे हैं. मैं यह बात ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं, अगर मेरी बात गलत है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं. किशनगंज, अररिया, कटिहार, मालदा, मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए नहीं तो हिंदू गायब हो जाएंगे और एनआरसी लागू हो जाएगा.”
उन्होंने कहा कि ये हिंदू-मुसलमान का मुद्दा नहीं है बल्कि क्षेत्र में बाहरी लोगों के बसने का मामला है.