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राजस्थान में भाजपा के तीन बार के आदिवासी विधायक अमृत लाल मीना का निधन

बीजेपी के सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का बुधवार देर रात निधन हो गया है. बताया जा है कि उनका निधन हार्ट अटैक आने से हुआ है.

राजस्थान के उदयपुर ज़िले की सलूंबर विधानसभा सीट से बीजेपी के आदिवासी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो गया है.

बुधवार रात उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें उदयपुर के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक जानकारी के अनुसार हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई है.

मीणा सलंबूर से तीसरी बार विधायक विधायक रहे हैं. उनकी उम्र 64 साल थी.

अमृतलाल मीणा उन नेताओं में शामिल हैं जो जमीनी स्तर की राजनीति से प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे. वो साल 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे. लेकिन उनके राजनीतिक करियर का आगाज साल 2004 में ही हो गया था, जब वो पहली बार पंचायत समिति सराड़ा के सदस्य चुने गए थे.

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे शोक संदेश में कहा, “सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक श्री अमृत लाल जी मीना के हृदयाघात से निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. यह भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी पवित्र आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करें. ओम शांति!”

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बीजेपी विधायक अमृत लाल मीणा के निधन पर दुख जाहिर किया है.

अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “सलूंबर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अमृत लाल मीणा का आकस्मिक निधन बेहद दुखद है. पंचायतीराज से राजनीतिक सफर शुरू कर विधानसभा में 3 बार सलूंबर का प्रतिनिधित्व करने वाले अमृत लाल मीणा अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता से काम करते थे. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति एवं परिवारजनों को इस दुख की घड़ी में हौसला प्रदान करें.”

अमृतलाल मीणा का राजनीतिक जीवन

अमृतलाल मीणा का जन्म 1959 में सलंबूर जिले के लालपुरिया गांव में हुआ था. उन्होंने करीब 20 साल तक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई.

मीणा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2004 में पंचायत समिति सराड़ा के सदस्य के रूप में की थी. इसके बाद वे साल 2007 से 2010 तक जिला परिषद उदयपुर के सदस्य और 2010 में पंचायत समिति सराड़ा में प्रतिपक्ष नेता रहे.

उन्होंने साल 2013 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की बसंती देवी मीणा को हराया था. इसके बाद 2018 और 2023 में भी उन्होंने कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह मीणा को हराकर विधानसभा में अपनी जगह बनाई.

अमृतलाल राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, विशेषाधिकार समिति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के सदस्य भी रहे.

10 दिन रहे थे जेल में

साल 2021 में अमृतलाल मीणा को 10 दिन से ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा था. दरअसल, 2015 में अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी से सरपंच का चुनाव जीती थीं. शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने उनके खिलाफ फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई. सीबी-सीआईडी की जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गई.

अमृतलाल मीणा ने बतौर अभिभावक पत्नी की पांचवीं की मार्कशीट पर साइन किए थे. इसलिए उन्हें आरोपी बनाया गया था.

सुगना देवी की शिकायत के बाद मामला स्थानीय कोर्ट और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में 3 सप्ताह में स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए. कोर्ट ने मीणा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था.

अब राजस्थान विधानसभा में 6 सीटों पर होंगे उपचुनाव

अमृतलाल मीणा के निधन के बाद राजस्थान विधानसभा में BJP विधायकों की संख्या 114 रह गई है. वहीं उनके निधन से विधानसभा में अब कुल 6 सीटें खाली हो गई हैं, जिन पर उपचुनाव कराए जाएंगे.

इनमें से पांच सीटें झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी और खींवसर से पांच विधायकों के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई हैं. जिनमें से 3 कांग्रेस, 1 RLP और 1 BAP से हैं.

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