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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर राहुल, सोनिया के खिलाफ शिकायत दर्ज

31 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा था राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक गई थीं. वह मुश्किल से बोल पा रही थीं. उनके इस टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया.

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज की गई है. राष्ट्रपति के बार में ‘बेचारी’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए सोनिया गांधी के खिलाफ शनिवार (1 फरवरी) को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई.

वहीं रांची के एससी-एसटी थाने में भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.

रांची में शिकायत दर्ज

रांची के नामकुम की रहने वाली अंजलि लाकड़ा ने शिकायत दर्ज कराई है. लकड़ा के मुताबिक, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक सुनियोजित साजिश के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बोरिंग, बेचारी और थकी हुई कहकर उनका अपमान किया.

लाकड़ा ने अपनी शिकायत में कहा है कि, “राष्ट्रपति मुर्मू, जो भारत के सर्वोच्च पद पर हैं, भारत के प्रथम नागरिक हैं, तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष हैं. उनको योजनाबद्ध तरीके से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.”

उन्होंने कहा कि यह अपमान पूरे अनुसूचित जनजाति समाज के साथ-साथ पूरे देश का अपमान है. शिकायतकर्ता ने पुलिस से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के तहत उचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

मुजफ्फरपुर में भी शिकायत दर्ज

वहीं मुजफ्फरपुर के एक वकील सुधीर ओझा ने सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए राष्ट्रपति का कथित रूप से अपमान करने के लिए एफआईआर दर्ज करने को लेकर निर्देश का अनुरोध किया गया.

ओझा ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को भी सह-आरोपी बताया है. सोनिया गांधी के साथ उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का अनुरोध किया है.

मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कराने के बाद ओझा ने पत्रकारों से कहा, “सोनिया गांधी ने बेचारी टिप्पणी करके राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान किया है. यह देश की सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकारी का अपमान है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसमें सह-आरोपी हैं. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.”

अदालत इस मामले की सुनवाई 10 फरवरी को करेगी.

क्या है पूरा मामला?

31 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था.

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सदन के बाहर पत्रकारों ने सोनिया गांधी से मुर्मू के करीब एक घंटे लंबे संबोधन के बारे में पूछा था.

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सोनिया गांधी को कथित तौर पर यह कहते सुना गया, “राष्ट्रपति, अंत तक बहुत थक गई थीं…बेचारी, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं.”

वहीं एक क्लिप में दिखा है कि विपक्ष के नेता राहुल ने अभिभाषण को ऊबाऊ बताया. इस दौरान वहां प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं.

राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में अभिभाषण पर टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इससे पद की गरिमा को ठेस पहुंची है.

राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा, “सांसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो स्पष्ट रूप से पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, इसलिए ये अस्वीकार्य हैं.”

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए इसके ‘शाही परिवार’ पर आदिवासी पृष्ठभूमि की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी को माफी मांगनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सत्रों को संबोधित करते हुए बेहतरीन भाषण दिया लेकिन कांग्रेस का शाही परिवार उनके अपमान पर उतर आया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर सोनिया गांधी की टिप्पणी को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी एक आदिवासी महिला के बारे में कांग्रेस की यही सोच है. यह आदिवासी समाज का अपमान है. इसके साथ-साथ, यह सभी महिलाओं का अपमान है.

कभी आदिवासी धर्म कोड हटाने, तो कभी आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर गोली चलवाने वाले कांग्रेसियों का यही चरित्र है. यही इनकी सच्चाई है.

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