HomeAdivasi Dailyतेलंगाना: आश्रम स्कूल के वार्डन पर गंभीर आरोप

तेलंगाना: आश्रम स्कूल के वार्डन पर गंभीर आरोप

यह मामला आदिवासी छात्रों से शौचालय साफ करवाने का नहीं है बल्कि इससे भी अश्लील व्यवहार का है. यह मामला लडकों के शोषण से जुड़ा है.

तेलंगाना के खम्मम ज़िले में स्थित एक आश्रम स्कूल के वार्डन भुक्या वेंकटेश्वरलु के खिलाफ छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इस घटना के बाद क्षेत्र में चिंता और आक्रोश का माहौल है.

क्या है मामला?

इस आश्रम स्कूल में पढ़ने वाले आठवीं और नौवीं कक्षा के कुछ छात्रों ने अपने अभिभावकों को बताया कि वार्डन उनके साथ अनुचित व्यवहार करते थे.

आरोपों के मुताबिक, वार्डन ने कई बार ऐसा व्यवहार किया जिससे छात्र असहज महसूस करते थे.

इतना ही नहीं ये आरोप भी लगाए गए हैं कि वार्डन ने छात्रों को रात में अपने साथ सोने के लिए मजबूर किया.

कब और कहां हुई यह घटना?

यह मामला हाल ही में तेलंगाना के खम्मम जिले में स्थित एक आश्रम स्कूल का बताया गया है.  हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह गतिविधियां कितने समय से चल रही थीं.

घटना के उजागर होने के बाद, अभिभावकों ने इस पर कड़ा रुख अपनाया और शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत कैसे दर्ज हुई?

छात्रों ने अपनी पीड़ा अभिभावकों से साझा की जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा.

अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा लेकिन जब संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया. शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी.

कौन ज़िम्मेदार ?

आदिवासी छात्रों के लिए बनाए गए आश्रम स्कूल जैसी संस्थाओं में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी व्यवस्था अधिक कड़ी होनी चाहिए. अगर समय रहते प्रशासन इस पर ध्यान देता, तो यह घटना टल सकती थी.

यह मामला दर्शाता है कि संस्थान में निगरानी प्रणाली कमजोर थी और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई.

पुलिस वार्डन से पूछताछ कर रही है और सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है. यदि आरोप साबित होते हैं, तो वार्डन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. साथ ही, शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा नियमों को और सख्त बनाने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.

यह घटना आदिवासी बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है.  छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

सरकार को भी संस्थानों की निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा नियमों को और सख्त करने की दिशा में काम करना चाहिए.

(Image is for representation purpose only)

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