असम विधानसभा के उपसभापति डॉ नुमाल मोमिन (Dr Numal Momin) ने पूर्वोत्तर के आदिवासियों के प्रति कथित उपेक्षा के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की है.
उन्होंने उन पर इन समुदायों को वास्तविक सम्मान या जिम्मेदारी दिखाए बिना वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
रविवार को न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में डॉ मोमिन ने नागालैंड की एक महिला सांसद के प्रति कथित ‘अनुचित’ व्यवहार को लेकर राहुल गांधी पर विशेष रूप से निशाना साधा. उन्होंने इस घटना को “अस्वीकार्य” बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र के आदिवासी लोगों के प्रति कांग्रेस के व्यापक अनादर को दर्शाता है.
डॉ मोमिन ने कहा, “विशेष रूप से आदिवासी लोगों को उन्होंने (राहुल गांधी) अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है. उनके मन में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों, आदिवासियों के लिए कोई सम्मान, जिम्मेदारी नहीं है. नागालैंड की एक महिला सांसद के खिलाफ हाल ही में किया गया व्यवहार वास्तव में अस्वीकार्य है.”
मोमिन ने महिलाओं और पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति गांधी के सम्मान की कमी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “राहुल गांधी को महिलाओं और पूर्वोत्तर के लोगों का सम्मान करना सीखना चाहिए. उनके मन में पूर्वोत्तर के लोगों के लिए सम्मान नहीं है. उनके कामों से पता चलता है कि उनके मन में महिलाओं के प्रति ज़रा भी सम्मान नहीं है. यह बहुत दुखद है कि एक सांसद और उनके परिवार ने भारत में कई वर्षों तक शासन किया और महिलाओं के प्रति उनका व्यवहार अमानवीय है.”
उन्होंने गांधी से अपने व्यवहार को सुधारने और लोगों की सेवा पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “मैं राहुल गांधी के व्यवहार की कड़ी निंदा करता हूं और उन्हें अपने व्यवहार को सुधारना चाहिए, एक अच्छा सांसद बनने की कोशिश करनी चाहिए, लोगों के लिए काम करना चाहिए, लोगों के लिए बेहतर सोचना चाहिए और महिलाओं के प्रति सम्मान रखना चाहिए, यही मेरी राहुल गांधी को सलाह है.”
डॉ. मोमिन ने राहुल गांधी से पूर्वोत्तर के लोगों और देश भर की महिलाओं से माफ़ी मांगने का आह्वान किया.
उन्होंने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी इस तरह का व्यवहार जारी रखते हैं तो उन्हें आगे कोई भी चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.
मोमिन ने गुवाहाटी में “राजभवन चलो” विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता की दुखद मौत पर भी टिप्पणी की और इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा कि उन्होंने आंदोलन के लिए एक हृदय रोगी को अनुमति दी और उसे लाया. वह (मृत व्यक्ति) हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित था और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई. कांग्रेस का यह व्यवहार नया नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने निर्दोष लोगों की जान ली हो. 1983 में असम में, कांग्रेस के शासन के दौरान, कई निर्दोष लोगों की मौत हुई थी और कांग्रेस के शासन के दौरान राज्य में कई हिंसक घटनाएं हुई थीं. उन्हें एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल करके लोगों को मारना पसंद है.