महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल पालघर में कोरोनावायरस ने एक आदिवासी छात्र हॉस्टल के वार्डन की जान ले ली है.
43 साल के वार्डन की मौत नासिक के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है. ज़िला प्रशासन ने 22 मार्च से सभी छात्र हॉस्टल बंद करने का फ़ैसला किया है.
प्रशासन का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से यह फ़ैसला लेना पड़ा है. पालघर में अभी तक कम से कम 38 आदिवासी छात्रों को कोरोनावायरस हो चुका है.
इसके अलावा कुछ टीचर और कर्मचारी भी इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
पिछले सप्ताह पालघर में आदिवासी हॉस्टल और स्कूल में कोविड 19 के कुल 79 मामले सामने आए थे. इन्हीं में दभोसा के आदिवासी छात्र हॉस्टल के वार्डन भी थे.
जब उनमें गंभीर लक्षण दिखाई दिये तो उन्हें नासिक के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रशासन ने फ़िलहाल हॉस्टल में रह रहे सभी छात्रों के माता-पिता को अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए कहा है.
हालाँकि जो बच्चे पहले ही वायरस की चपेट में आ गए हैं, उन्हें हॉस्टल में ही आइसोलेट करके रखा गया है. बताया गया है कि लॉक डाउन के दौरान ये आदिवासी हॉस्टल आइसोलेशन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किये गए थे.
महाराष्ट्र देश के सबसे अधिक कोरोनावायरस प्रभावित राज्यों में से एक है. महाराष्ट्र में अभी तक 24 लाख से ज़्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
इनमें से 20 लाख 18 हज़ार मरीज़ ठीक हो चुके हैं. जबकि कोरोनावायरस की वजह से 53138 लोगों की मौत हो चुकी है.