आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ज़िले के सिलेरू आदिवासी कल्याण आश्रम गर्ल्स स्कूल के एक आदिवासी अध्यापक की बीमारी के चलते मौत हो जाने से विवाद खड़ा हो गया है.
माध्यमिक कक्षा के शिक्षक के. विश्वनाथम की हाल ही में शहर के एक अस्पताल में किसी अज्ञात बीमारी के इलाज के दौरान मौत हो गई थी. उन्हें पिछले कई महीनों से कुछ तकनीकी वजहों से उनकी वेतन नहीं दी गई थी.
एक एनजीओ गिरिजना संघम के मुताबिक़ सितंबर 2018 में लड़कों के छात्रावास को परिवर्तित करके स्कूल की शुरुआत की गई थी.
इस स्कूल के लिए शिक्षकों के 11 पद सैंक्शन किए गए थे, लेकिन विश्वनाथम सहित सिर्फ़ तीन नियमित कर्मचारी थे. कई निवेदनों के बावजूद इन शिक्षकों को नियमित कर्मचारियों के लिए ज़रूरी सीएफएमएस आईडी नहीं दी गई.
विश्वनाथम ने कई बार संबंधित अधिकारियों से उनकी वेतन सैंक्शन करने की अपली की, ताकि वो लंबे समय से जिस बीमारी से पीड़ित थे, उसका बेहतर इलाज कर सकें. लेकिन आरोप है कि अधिकारियों ने उनकी मांग की उपेक्षा की.
स्कूल के प्रिंसिपल ने एक अखबार को बताया कि विश्वनाथम और एक और शिक्षक के. धनंजय को उनकी सीएफएमएस आईडी नहीं दी गई, और पिछले आठ महीनों से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया. ग
विश्वनाथम ज़िले के एजेंसी इलाक़े के हुकुमपेटा मंडल के गादुगुपल्ली गांव के रहने वाले थे. अब उनकी मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ा है, और इस मुद्दे पर राजनीति भी होने लगी है.
टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने शिक्षक की मौत के लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है.
लोकेश ने मांग की है कि बकाया वेतन के भुगतान के अलावा 50 लाख रुपए का एक्स-ग्रेशिया विशवनाथम के परिवार को दिया जाना चाहिए, और परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जानी चाहिए.
(तस्वीर प्रतीकात्मक है)