HomeAdivasi Dailyलव जिहाद का खेल नहीं चलने दूंगा, जरूरत पड़ी तो लाएंगे कड़ा...

लव जिहाद का खेल नहीं चलने दूंगा, जरूरत पड़ी तो लाएंगे कड़ा कानून- शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई बैठे हैं छलिया, जो जमीन की गड़बड़ कर रहे हैं. कई दूसरे धर्म वाले, अगर आदिवासी की जमीन वैसे नहीं खरीद सकते, तो आदिवासी बेटी से शादी करके उसके नाम से जमीन खरीदवाते हैं. यह पाप है. यह लव नहीं है, यह लव के नाम पर जिहाद है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘लव जिहाद’ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कई लोग आदिवासी समाज की बेटियों से शादी कर उनकी जमीन हड़पने का षड्यंत्र करते हैं. मैं मध्यप्रदेश की धरती पर लव जिहाद का खेल चलने नहीं दूंगा.

सीएम शिवराज चौहान ने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो “लव जिहाद” के खिलाफ मौजूदा राज्य कानून को मजबूत किया जाएगा ताकि आदिवासियों की जमीन हड़पने के इरादे से पुरुषों द्वारा आदिवासी महिलाओं से शादी करने की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके.

इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी टंट्या भील बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि जमीन हथियाने के लिए आदिवासी महिला से शादी नहीं हो सकेगी. उन्होंने मंच से पेसा एक्ट के बारे में भी जानकारी दी. कहा कि वे इस एक्ट के मास्टर ट्रेनर हैं.

उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ी तो ‘लव जिहाद’ के कानून को और मजबूत किया जाएगा ताकि कोई भी अपराधी बख्शा न जाए. ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग आदिवासी लड़कियों से शादी कर लेते हैं और उनका मकसद उनकी संपत्ति हड़पना होता है. आदिवासियों की पारिवारिक जमीन हड़पने के लिए पुरुषों द्वारा आदिवासी महिलाओं से शादी करने की घटनाओं को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को और मजबूत किया जाएगा. यह उनकी जमीन हड़पने के उद्देश्य से लव जिहाद को रोकेगा.”

‘लव जिहाद’ दक्षिणपंथी हिंदू समूहों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है, जो दावा करते हैं कि हिंदू लड़कियों को शादी के लिए लुभाने और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करने की “साजिश” है.

शिवराज चौहान ने कहा, “मैं पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम का मास्टर ट्रेनर हूं. मैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रसारित कर रहा हूं. यह अधिनियम ऐसी सभी गतिविधियों को रोक देगा जो आदिवासी समुदाय के हितों के खिलाफ हैं क्योंकि संबंधित ग्राम सभाओं को कई अधिकार और शक्तियां दी गई हैं.”

उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखंडों में पेसा एक्ट लागू किया जा चुका है, जो जनजातीय समुदाय को जल, जंगल और जमीन का हक प्रदान करता है. पेसा एक्ट में हर गांव में समितियां बनेंगी. इन समितियों में एक तिहाई सदस्य महिला होंगी. ग्राम सभाओं को अपने गांव की जल, जंगल और जमीन के इस्तेमाल का पूरा अधिकार होगा. पेसा एक्ट छल-कपट से छीनी गई जमीन पर जनजातीय समाज को दोबारा अधिकार दिलवाएगा. गांव की रेत, गिट्टी, पत्थर पर पहला हक जनजातीय सहकारी समितियों का होगा.

इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़वानी के सेंधवा में कहा था कि कई बार बड़े खेल हो जाते हैं. खुद जमीन नहीं ले सकते तो किसी आदिवासी के नाम से जमीन ले ली जाती है. कई बदमाश ऐसे भी आ गए हैं जो आदिवासी बेटी से शादी करके उसकी जमीन अपनी कर लेते हैं. 

सीएम शिवराज ने कहा कि सरकार आदिवासियों को रोजगार देने की योजना पर इस तरह काम कर रही है कि पांच साल के भीतर समुदाय के लोगों का पलायन रुक जाए.

इससे पहले इंदौर जिले के महू के पातालपानी में एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण की घोषणा की. जहां स्वतंत्रता सेनानी टंट्या भील और समुदाय की ऐसी अन्य हस्तियों से जुड़ी कलाकृतियां और किताबें रखी जाएंगी.

उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाई गई है और दोनों काम बहुत जल्द शुरू होंगे. उन्होंने घोषणा की कि पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टंट्या मामा स्टेशन किया जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments