कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ. भाजपा विधायकों ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया. लगातार नारेबाजी के कारण अध्यक्ष को प्रश्नकाल की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
सत्र शुरू होते ही विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य में बढ़ती अपराध दर पर चिंता जताई और हाल की कई घटनाओं का हवाला दिया. उन्होंने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की.
मरांडी ने कहा, “शुक्रवार को दिनदहाड़े रांची में एक व्यवसायी को गोली मार दी गई. शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक कुमार गौरव की हत्या कर दी गई. पिछले सप्ताह चान्हो इलाके में आनंद मार्ग आश्रम पर अपराधियों ने हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी. ये तो बस कुछ उदाहरण हैं…अपराध बेलगाम है और सरकार चुप है.”
भाजपा विधायक अमित यादव ने भी तत्काल चर्चा और सरकार से जवाब की मांग की. हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि यह मुद्दा सदन के समक्ष रखा गया है और प्रश्नकाल निर्धारित समय पर चलना चाहिए.
अपनी मांग पर अड़े भाजपा विधायक सदन के वेल में आ गए, सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. स्पीकर रवींद्र नाथ महतो द्वारा बार-बार व्यवस्था बहाल करने की अपील के बावजूद हंगामा जारी रहा.
विपक्षी दल के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी. 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा विधायक सीपी सिंह ने फिर से राज्य में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन सरकार से जवाब मांगा.
महतो ने विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित करने में सहयोग करने का आग्रह किया. लेकिन हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
वहीं विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सरकार पर झारखंड में “जंगल राज” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
जायसवाल ने कहा, “झारखंड में आम नागरिक से लेकर अधिकारी, व्यवसायी से लेकर महिलाएं तक कोई भी सुरक्षित नहीं है. विधानसभा में सरकार शेखी बघारती है लेकिन अपराधी सड़कों पर राज करते हैं. झारखंड बलात्कार, हत्या, डकैती और झपटमारी के मामलों में नंबर वन राज्य बन गया है. उत्तर प्रदेश को देखिए, वहां अपराधी कानून से डरते हैं. या तो वे जेल में हैं या भाग गए हैं. झारखंड को ऐसी सरकार की जरूरत है जो कानून-व्यवस्था बनाए रख सके.”
भाजपा विधायकों के इस मुद्दे को केंद्र में रखने के दृढ़ संकल्प के कारण चल रहे विधानसभा सत्र में और व्यवधान की संभावना है.