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झारखंड में 10 हज़ार आदिवासी और क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की जल्द होगी भर्ती: शिक्षा मंत्री

झारखंड के 15 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति होगी.

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन (Ramdas Soren) ने सोमवार को घोषणा की कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के तबादलों से संबंधित नियमों में संशोधन किया जाएगा. साथ ही सरकार जल्द ही 10 हज़ार आदिवासी और क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की भर्ती करेगी.

सोरेन ने कहा, “विभाग फिलहाल बदलावों की तैयारी कर रहा है, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. इसके लागू होने के बाद शिक्षकों को उनके गृह जिलों में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी.”

उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा नियमों की समीक्षा की जा रही है क्योंकि कई शिक्षकों ने मौजूदा प्रणाली द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बारे में चिंता जताई है.

उन्होंने कहा कि कई शिक्षकों ने शिकायत की है कि वर्तमान नियमों की वजह से शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है, ना ही म्यूचुअल ट्रांसफर हो पा रहा है, जिससे समस्या हो रही है. इसे देखते हुए यह संशोधन किया जा रहा है.

2022 में ट्रांसफर नियमों में किया गया था बदलाव

साल 2022 में ट्रांसफर नियमों में बदलाव किया गया था. इसके बाद शिक्षकों के गृह जिले में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के दौरान कुछ प्रावधानों में बदलाव की जरूरत महसूस की गई, जिस पर अब काम किया जा रहा है.

वर्तमान के नियमों के मुताबिक, इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर में शिक्षक की उम्र, ज़ोन में तैनाती और प्राथमिकता के आधार पर अंक तय किए गए हैं. इसके अलावा अगर शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो ट्रांसफर का प्रावधान है. महिला शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए पहले से तय प्राथमिकताओं में भी बदलाव किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं. शिक्षकों से मिल रहे हैं. इस दौरान एक बात सामान्य तौर पर दिख रही है कि गांव के स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों ने सेटिंग-गेटिंग के जरिए शहर के स्कूलों में अपना प्रतिनियोजन करवा लिया है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की मामलों पर अंकुश लगाने की जरूरत है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह के शिक्षकों की लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है. खास तौर पर हाई स्कूलों में इस प्रकार के शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द किया जाएगा.

आदिवासी भाषाओं के शिक्षकों की होगी भर्ती

शिक्षा मंत्री ने आगे घोषणा की कि आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं में प्राथमिक विद्यालयों के लिए करीब 10 हज़ार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.

उन्होंने कहा कि 9 आदिवासी और 6 क्षेत्रीय भाषाओं में पीरियड-आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की सुविधा के लिए विभिन्न जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है. वहीं पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में क्षेत्रीय और आदिवासी स्कूलों के मॉडल और शिक्षण विधियों का अध्ययन करने के लिए एक विभागीय टीम बनाई जाएगी. इस विजन को साकार करने के लिए सबसे प्रभावी मॉडल को लागू किया जाएगा.

जिन भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, उनमें संताली, हो, खारिया, कुरुख, मुंडारी, माल्टो, बिरहोर, भूमिज, असुर, बंगाली, ओडिया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुड़माली और नागपुरी शामिल हैं.

इस पहल का उद्देश्य झारखंड की 15 आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना है.

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