HomeAdivasi Dailyपीएम मोदी ने आदिवासियों को दिलाई पहचान: राधामोहन सिंह

पीएम मोदी ने आदिवासियों को दिलाई पहचान: राधामोहन सिंह

राधामोहन सिंह ने कहा कि गरीबों, वंचितों, अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति और अति पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लक्ष्य के साथ सभी योजनाओं और कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने आजादी के बाद पहली बार जनजातियों को पहचान दिलाई है. उन्हें सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल में पहली बार कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हुई है.

राधामोहन रविवार को रोहनिया स्थित पार्टी कार्यालय में बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, “पिछले नौ साल आदिवासी लोगों की प्रगति के लिए एक शानदार समय रहा है क्योंकि उन्हें न सिर्फ आजादी के बाद पहली बार पहचान मिली है. बल्कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई है और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भी अब जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) के रूप में मनाई जाती है.”

उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी आबादी ने ऐसी पहल देखी है जो उनकी आने वाली पीढ़ियों को लाभान्वित करेगी.

राधामोहन सिंह ने आगे कहा, “राज्यों में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर संग्रहालय खोलना, अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 10 साल के लिए कोटा बढ़ाना, आदिवासी बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा कार्यक्रम और योजनाएं मोदी सरकार की पहल का हिस्सा हैं.”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जब भी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मिलते हैं तब उन्हें आदिवासियों के बनाए उपहार भेंट करते हैं. वो विदेशी मेहमानों को उपहार में आदिवासी कला और उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं. पीएम की पहल ने जनजातीय कला और उत्पादों की मांग को बढ़ावा दिया है क्योंकि सरकार भी इसके लिए नए बाजार तलाशने की कोशिश कर रही है. अब तक 3000 से अधिक वनधन विकास केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है साथ 90 वनोपज और उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कवर किया जा चुका है.”

उन्होंने कहा कि गरीबों, वंचितों, अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति और अति पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लक्ष्य के साथ सभी योजनाओं और कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश में आदिवासियों की 10 करोड़ से अधिक आबादी है लेकिन राजनीतिक दलों ने आदिवासी के नाम पर सिर्फ राजनीति की है. आदिवासी समाज को उचित सम्मान नहीं मिला. राजनीतिक दलों ने उन पर ध्यान नहीं दिया और उनके उत्थान के लिए काम किया.

उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने आदिवासियों के योगदान को किताबों में सही स्थान नहीं दिया. लेकिन जब एनडीए की सरकार बनी तो आदिवासी आबादी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा. पीएम मोदी ने न केवल आदिवासियों के गौरव को बहाल किया बल्कि अपने मंत्रिमंडल में उनका प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया.

उन्होंने कांग्रेस पर आदिवासियों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “मोदी सरकार ने आदिवासी आबादी को उचित सड़क संपर्क, स्वच्छ शौचालय, स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा, एलपीजी कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, घर, मुफ्त टीका, राशन और सरकारी योजना के अन्य सभी लाभ सुनिश्चित किए.”

उन्होंने मोर्चा कैडर को आदिवासी परिवारों तक पहुंचने और सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

वहीं अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर ओरांव ने आदिवासी लोगों के सामाजिक और राजनीतिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पीएम की सराहना की. उन्होंने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बूथ समिति के गठन की रणनीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र में जनजातियों की संख्या 100 से ज्यादा है तो उस बूथ को जनजाति बूथ बनाया जाएगा.

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