मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Tribal University) में केरल के छात्रों के साथ मारपीट हुई है. इस मामले ने अब इतना तूल पकड़ लिया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan), कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) सहित कई सांसदों ने कुलपति को पत्र लिखा है. सभी ने इस मामले की निंदा के साथ-साथ जांच की मांग की है.
वहीं मामले को तूल पकड़ते देख यूनिवर्सिटी ने एक जांच कमेटी का गठन किया है. छात्रों के साथ मारपीट करने वाले तीन सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मामला भी दर्ज हो गया है.
IGNTU के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) विजय दीक्षित ने कहा कि 10 मार्च की रात विश्वविद्यालय के मेन गेट के पास एक पानी की टंकी पर फोटो क्लिक करने को लेकर छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच बहस हो गई.
उन्होंने बताया कि मामला लड़ाई में बदल गया जिसके बाद सुरक्षाकर्मी छात्रों के खिलाफ शिकायत लेकर अमरकंटक पुलिस थाने पहुंचे, जिन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
अधिकारी ने कहा कि चार छात्रों को चोटें आईं और उन्हें एंबुलेंस में अनूपपुर जिला अस्पताल ले जाया गया, छात्रों द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
अमरकंटक थाना प्रभारी विशाखा उरवेटी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
इस मामले को लेकर अब सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर इस घटना की निंदा की है.
उन्होंने लिखा है, “मध्य प्रदेश के अमरकंटक में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में कथित रूप से विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों द्वारा केरल के चार छात्रों पर हुए क्रूर हमले के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. यह शर्मनाक है और पूरी तरह से अस्वीकार्य. मैं विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं और गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. दोषियों को न्याय दिलाने के लिए इस घटना की त्वरित और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.”
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के पोस्ट आने के बाद से अब अनूपपुर जिले के कांग्रेस नेता भी सक्रिय हो गए हैं.
वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को कहा कि पहचान के आधार पर लोगों के प्रति बढ़ती दुश्मनी का विरोध किया जाना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया, “केरल के छात्रों पर हमला भयावह है और हमारे देश में उनकी पहचान के आधार पर व्यक्तियों के प्रति बढ़ती शत्रुता का विरोध करने की आवश्यकता को उजागर करते हैं. विश्वविद्यालय को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और परिसर में सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.”
पिनराई विजयन के अलावा केरल के लोकसभा सदस्य ईटी मोहम्मद बशीर, राज्यसभा सदस्य डॉक्टर जॉन ब्रिटस, राज्यसभा सांसद डॉक्टर अलामारम करीम और राज्यसभा सांसद डॉ. वी. शिवदासन ने भी कुलपति को पत्र लिखकर मामले में सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
वहीं घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, “अपने स्वयं के विश्वविद्यालय परिसर के भीतर एक अनजाने और मामूली अपराध के लिए छात्रों के खिलाफ इस तरह की क्रूरता के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. मैं जनजातीय विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता पर खड़ा हूं और उन लोगों से पूरी जवाबदेही की मांग करता हूं जिन्होंने प्रशासन की मिलीभगत से ऐसा राक्षसी व्यवहार किया.”
सीपीआई (एम) के सांसद एलामारम करीम ने केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सुरक्षाकर्मियों ने केरल के छात्रों पर हमला किया, जो परिसर के अंदर विभिन्न प्रकार के भेदभाव का सामना कर रहे थे.
उन्होंने केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की और “सुरक्षा कर्मचारियों के अंदर अपराधियों” के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की.
विश्वविद्यालय के पीआरओ दीक्षित ने कहा कि केरल के लोकसभा सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति को भी लिखा है.
क्या है मामला
पूरा विवाद छात्रों और गार्ड के बीच मारपीट का है. गार्ड के मुताबिक मारपीट में घायल छात्र यूनिवर्सिटी की पानी की टंकी के ऊपर चढ़े हुए थे जब उन्हें उतारकर पूछताछ की गई तो वो भागने का प्रयास करने लगे. उनसे आईकार्ड और पहचान पत्र की मांग की गई तो वो भी नहीं दिए. गार्ड को पानी में कुछ मिलाने की आशंका लगी जिसके बाद छात्रों और गार्डों के बीच मारपीट शुरू हो गई.
मारपीट में शामिल केरल के छात्रों का कहना है कि वो लोग टंकी पर सेल्फी लेने के लिए चढ़े हुए थे. टंकी से उतरने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने फोटों खीच ली. इसके बाद कहा कि टंकी पर जाना प्रतिबंधित है तो छात्रों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था. इसके बाद छात्रों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. मारपीट के बाद अमरकंटक थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.