HomeAdivasi Dailyमध्य प्रदेश का मंडला बना देश का पहला शत-प्रतिशत साक्षर आदिवासी ज़िला

मध्य प्रदेश का मंडला बना देश का पहला शत-प्रतिशत साक्षर आदिवासी ज़िला

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला ज़िले ने शत-प्रतिशत साक्षर बनकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने दावा किया कि भारत में मंडला 100 फीसदी साक्षरता दर वाला पहला आदिवासी ज़िला है.

उम्मीद है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सोमवार को इस उपलब्धि की आधिकारिक घोषणा करेगा.

मंडला की ज़िला कलेक्टर, हर्षिका सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यह एक जबरदस्त उपलब्धि है और बेहतरीन टीम वर्क का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि साल 2011 के एक सर्वे के मुताबिक मंडला ज़िले की साक्षरता दर 68 फीसदी थी. वहीं 2020 के जुलाई महीने में किए गए सर्वे में ज़िला के लगभग 2 लाख लोग साक्षर नहीं थे. हमने 2020 में स्वतंत्रता दिवस से एक अभियान, ‘निरक्षरता से आजादी अभियान’ शुरू किया.

इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग, आंगनबाडी, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने योगदान दिया. हमने सबसे पहले गांवों की साक्षर महिलाओं को अभियान में जोड़ा. लोग अपनी इच्छा से इस अभियान में शामिल होने लगे और बहुत से लोगों ने स्टेशनरी सामग्री दी, हमने शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध शैक्षिक सामग्री का भी उपयोग किया.

इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि लोगों को अक्षर और संख्याओं का बुनियादी ज्ञान हो. लोगों को प्रेरित करने के लिए हम सरकारी कार्यक्रमों के दौरान क्षेत्र के सबसे पढ़े-लिखे स्थानीय ग्रामीणों को मंच पर बुलाते थे. भौगोलिक रूप से मंडला ज़िले में जंगल, पहाड़, नदी होने के चलते बस्तियों में आना-जाना कर्मचारियों के लिए एक मुश्किल काम था.

हर्षिका सिंह ने कहा, “ग्राम पंचायतों में ‘अक्षर ज्ञानालय’ के नाम से जाने जाने वाले केंद्र खोले गए. स्कूलों में भी कक्षाएं लगती थीं. क्योंकि दिन के समय महिला और पुरुष काम पर जाते थे इसलिए रात के समय कक्षाओं का आयोजन किया गया.”

उन्होंने कहा कि मनरेगा के कामों के दौरान और मवेशी चराने के दौरान भी कक्षाएं आयोजित की जाती थीं. स्कूली छात्रों को स्वयंसेवक बनाया गया और उन्हें परिवार के बड़ों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

हर्षिका सिंह ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सिर्फ 15 हजार लोगों ने हस्ताक्षर नहीं कर अंगूठे का प्रयोग किया. बैंक डाटा के अनुसार 99 फीसदी उपभोक्ता हस्ताक्षर करते है. डाटा के अनुसार मंडला ज़िले का साक्षर प्रतिशत 97 फीसदी से अधिक है. वर्तमान में मंडला जिले के लगभग 32 हजार व्यक्ति ही निरक्षर हैं, जिसमें से अधिकांश बुजुर्ग हैं या कामकाज के लिए दूसरे ज़िले में रहते हैं.

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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