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मध्य प्रदेश: सरकारी छात्रावास में आदिवासी छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत, NCST करेगा जांच

पुलिस ने बताया कि जनजातीय समुदाय की 14 वर्षीय छात्रा ने रतलाम के चार मंजिला छात्रावास की छत से सात दिसंबर को कथित तौर पर छलांग लगाकर जान दे दी थी.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मध्य प्रदेश के रतलाम में एक सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास में 14 वर्षीय आदिवासी छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत के हफ्ते भर पुराने मामले की जांच का फैसला किया है. आयोग ने इस सिलसिले में पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए हैं. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इंदौर से करीब 140 किलोमीटर दूर रतलाम में सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास में कक्षा नौ की छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत का संज्ञान मीडिया की एक खबर के आधार पर लिया और इस मामले की जांच का निर्णय लिया.

अधिकारी के मुताबिक आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक के साथ ही रतलाम के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को जारी नोटिस में कहा है कि मामले में उठाए गए कदमों का ब्योरा सात दिन के भीतर पेश किया जाए.

पुलिस ने बताया कि जनजातीय समुदाय की 14 वर्षीय छात्रा ने रतलाम के चार मंजिला छात्रावास की छत से सात दिसंबर को कथित तौर पर छलांग लगाकर जान दे दी थी.

अधिकारी ने कहा, “एनसीएसटी ने मीडिया में आई खबरों के आधार पर नौवीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध मौत का संज्ञान लिया और मामले की जांच करने का फैसला किया.”

इससे पहले लड़की के पिता ने खुदकुशी की थ्योरी का विरोध किया था और पूछा था कि अगर उनकी बेटी ने इमारत से कूदकर जान दी है तो उसके शरीर पर चोट के गंभीर निशान क्यों नहीं पाए गए?

मृतक छात्रा का परिवार कर रहा आंदोलन की तैयारी

इधर इस मामले को लेकर आदिवासी परिवार आंदोलन की तैयारी कर रहा है. परिवार का कहना है कि जल्द सभी जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो अगले सप्ताह अनशन किया जाएगा. मामले को लेकर आदिवासी परिवार 19 दिसंबर से आंदोलन की तैयारी कर रहा है.

परिवार के ध्यानवीर डामोर ने बताया इस मामले में सिर्फ अधीक्षिका सीमा कनेरिया को हटाया गया है. जबकि इसमें विभाग की प्रभारी सहायक आयुक्त पारूल जैन भी दोषी हैं. क्योंकि वे विभाग की प्रभारी हैं और कन्या परिसर में बने क्वार्टर में ही रहती हैं और घटना के लिए वे भी जिम्मेदार हैं.

वहीं कन्या परिसर के प्राचार्य का प्रभार पुरुष को सौंप रखा है, जबकि महिला के पास होना चाहिए. इसको लेकर मृतक छात्रा कृष्णा और गीता के परिजनों के साथ जनजातीय कार्य विभाग के सामने आंदोलन किया जाएगा.

विभाग का जिम्मा कोई संभालने को तैयार नहीं

जनजातीय कार्य विभाग की कार्यप्रणाली के सुधार के लिए कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने 15 दिन पहले हुई टीएल की बैठक में जनजातीय कार्य विभाग का प्रभार प्रभारी सहायक आयुक्त पारूल जैन से वापस लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा को सौंपा था.

उन्होंने ज्वाइन नहीं किया इस बीच भोपाल से रंजनासिंह के विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त बनने के आदेश आ गए लेकिन वे भी अभी ज्वाइन नहीं हुईं. इससे 15 दिन से विभाग का जिम्मा प्रभारी सहायक आयुक्त पारूल जैन के पास ही है.

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