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तेलंगाना: छात्रावास का नाश्ता खाने के बाद 36 आदिवासी लड़कियां बीमार

सभी लड़कियों ने अपने हॉस्टल के मेस में नाश्ता किया था और एक घंटे के भीतर, उन्होंने गंभीर पेट दर्द की शिकायत की और उल्टी शुरू कर दी. जिसके बाद अन्य छात्रों ने प्रिंसिपल और वार्डन को सूचित किया जिन्होंने एम्बुलेंस को बुलाया.

तेलंगाना के महबूबाबाद ज़िला मुख्यालय स्थित ट्राइबल वेलफेयर गर्ल्स स्कूल की 36 छात्राएं हॉस्टल का खाना खाने के बाद बीमार पड़ गई हैं. शुक्रवार को इन छात्राओं में फूड प्वाइजनिंग के लक्षण मिलने पर क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

इन 36 छात्रों में से 30 को प्राथमिक उपचार दिया गया और छह जिनके लक्षण गंभीर थे, उन्हें शुरू में निगरानी में रखा गया. हालांकि बाद में इनमें से दो लड़कियों को भी छुट्टी दे दी गई, जबकि चार अभी भी निगरानी में हैं.

महबूबाबाद जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (DMHO) बी हरीश राज ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि डॉक्टरों की एक टीम छात्राओं का इलाज कर रही है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में छह छात्रों को निगरानी में रखा गया था और दो को जल्द ही छुट्टी दे दी गई. उन्होंने कहा कि बाकी चार लड़कियां सुरक्षित हैं लेकिन अभी निगरानी में हैं.

सभी लड़कियों ने अपने हॉस्टल के मेस में नाश्ता किया था और एक घंटे के भीतर, उन्होंने गंभीर पेट दर्द की शिकायत की और उल्टी शुरू कर दी. जिसके बाद अन्य छात्रों ने प्रिंसिपल और वार्डन को सूचित किया जिन्होंने एम्बुलेंस को बुलाया.

महबूबाबाद ज़िले के ट्राइबल वेलफेयर हॉस्टल में पिछले तीन दिनों में फूड प्वाइजनिंग की यह दूसरी घटना है. घटना की सूचना पर आदिवासी कल्याण उप निदेशक एम येरैया, एमआरओ और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी छात्रावास पहुंचे. डॉक्टरों की एक टीम ने स्थिति की निगरानी के लिए हॉस्टल में एक शिविर लगाया और यह सुनिश्चित किया कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

मीडिया से बात करते हुए छात्रों ने मेस कॉन्ट्रैक्टर पर भोजन की गुणवत्ता को लेकर परेशान नहीं होने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि कॉन्ट्रैक्टर सड़ी-गली सब्जियों का इस्तेमाल करता था और चावल में अक्सर कीड़े-मकोड़े देखने को मिलते थे. उन्होंने कहा कि खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाला पानी भी गंदा होता है. छात्रों ने कहा, “हम अधिकारियों से कॉन्ट्रैक्टर पर कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं.”

संपर्क करने पर महबूबाबाद के ज़िला कलेक्टर के शशांक ने कहा कि छात्राओं की हालत स्थिर है. उन्होंने कहा कि आदिवासी कल्याण बालिका विद्यालय छात्रावास में कुल 957 छात्राएं पढ़ रही हैं.

उन्होंने कहा, “हम घटना की जांच कर रहे हैं. अधिकारियों ने छात्रावास से खाने के सैंपल लिए हैं. सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”

के शशांक ने कहा, “हमने हॉस्टल में रोजाना छात्रों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और छात्रावासों की निगरानी के लिए एक ज़िला स्तरीय अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की है. हमने शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया है कि पहले भोजन का निरीक्षण करें और स्वच्छता के लिए इसकी जाँच करने के बाद ही छात्रों को परोसें.”

इस बीच, आदिम जाति कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ ने घटना पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी और जांच के आदेश दिए. राठौड़ ने जिला कलेक्टर, आदिम जाति कल्याण सचिव, अस्पताल अधीक्षक को भी अधिकारियों के साथ फोन कर छात्राओं के स्वास्थ्य की जानकारी ली.

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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