HomeAdivasi Dailyमणिपुर के मैतेई, कुकी और नगा विधायक राष्ट्रीय राजधानी में करेंगे बैठक

मणिपुर के मैतेई, कुकी और नगा विधायक राष्ट्रीय राजधानी में करेंगे बैठक

यह बैठक मणिपुर में समुदायों के बीच जारी हिंसा के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने और वहां हो रही हिंसा से निपटने के लिए रखी गई है. साथ ही इसका उद्देश्य मणिपुर में हो रही हिंसा के समाधान को तलाशना भी है.

मणिपुर में करीब 17 महीने पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद संघर्षग्रस्त राज्य में शांति बहाली के प्रयास के तहत पहली बार मैतेई, कुकी और नगा समुदायों से विधायक आज (15 अक्टूबर) को बैठक करने वाले हैं.

यह बैठक गृह मंत्रालय द्वारा मैतेई और कुकी समुदायों के बीच मतभेदों को दूर करने, वहां जारी संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने तथा मतभेदों को समाप्त करने के प्रयास के तहत बुलाई गई है.

पहली बार मणिपुर में हिंसा के हालात के बाद इन समुदायों के विधायकों की बैठक हो रही है. ये बैठक गृह-मंत्रालय की देखरेख में होगी. नागा समाज के तीन विधायक इस बैठक में शामिल होंगे.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में मैतेई समुदाय की ओर से विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह और विधायक थोंगम बिस्वजीत सिंह तथा कुकी समुदाय की ओर से लेतपाओ हाओकिप और नेमचा किपगेन (दोनों राज्य मंत्री) शामिल हो सकते हैं. नगा समुदाय का प्रतिनिधित्व विधायक राम मुइवा, अवांगबो न्यूमई और एल. दिखो करेंगे.

गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.

करीब एक महीने पहले शाह ने कहा था कि मणिपुर में स्थिति को सुलझाने के लिए कुकी और मेइती समुदायों के बीच बातचीत की जरूरत है और केंद्र दोनों समूहों के साथ चर्चा कर रहा है, जिसके बाद इन समूहों के नेताओं के बीच यह बैठक हो रही है.

गृह मंत्री ने 17 जून को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दौरान भी ऐसा ही बयान दिया था.

गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि गृह मंत्री ने राज्य में जारी जातीय संघर्ष को हल करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि ‘‘गृह मंत्रालय जल्द से जल्द दोनों समूहों – मैतेई और कुकी से बात करेगा ताकि जातीय विभाजन को पाटा जा सके.’’

सूत्रों ने बताया कि बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नगा, कुकी और मैतेई विधायकों और मंत्रियों को गृह मंत्रालय द्वारा पत्रों और टेलीफोन कॉल के माध्यम से आमंत्रित किया गया था.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सात विधायकों सहित दस कुकी विधायकों ने इस बीच आयोजित विधानसभा सत्रों में भाग नहीं लिया था.

कुकी समुदाय के लोगों की इच्छा के मुताबिक, समुदाय के विधायकों ने मणिपुर में जनजातीय लोगों के लिए अलग प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की मांग पर भी जोर दिया है.

इन 10 विधायकों में लेतपाओ हाओकिप और नेमचा किपगेन भी शामिल हैं, जो मणिपुर में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं.

मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की उसकी मांग के विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकता मार्च निकाले जाने के बाद पिछले साल तीन मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी.

राज्य में तब से जारी हिंसा में कुकी और मैतेई समुदायों के 220 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं.

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