HomeAdivasi Dailyत्रिपुरा: पुष्पवन्त पैलेस को फाइव स्टार होटल में बदलने का विरोध

त्रिपुरा: पुष्पवन्त पैलेस को फाइव स्टार होटल में बदलने का विरोध

अक्टूबर 2022 में इस महल में म्यूजियम बनाने के लिए 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसका शिलान्यास खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया था.

त्रिपुरा में पुष्पवन्त पैलेस को निजी समूह द्वारा फाइव स्टार होटल में बदलने की योजना के खिलाफ शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के युवा विंग ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया.

त्विप्रा इंडिजिनस स्टूडेंट्स फेडरेशन (टीआईएसएफ) के नेतृत्व में सैकड़ों पुरुष और महिलाएं स्वामी विवेकानंद मैदान से मार्च करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा के आवास तक पहुंचे. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की.

प्रदर्शन के दौरान टीआईएसएफ प्रभारी जेम्स देबबर्मा और टीएमपी विधायक बिश्वजीत कलोई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पर्यटन निदेशक को ज्ञापन सौंपा. इसमें उन्होंने सरकार से इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की अपील की.

सरकार के फैसले पर भड़के प्रदर्शनकारी

यह तनाव उस समय और बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों को पता चला कि पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने राज्य सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पुष्पवन्त पैलेस में होटल बनाने की योजना की पुष्टि की है.

पर्यटन मंत्री के बयान से सपष्टीकरण पाकर प्रदर्शनकारी और क्रोध में आ गए और मुख्यमंत्री के आवास की ओर बढ़े जिससे आवागमन के कई मुख्य रास्ते बाधित हो गए.

टीआईएसएफ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे.

हालांकि, पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला.

पैलेस का ऐतिहासिक महत्व

टीआईएसएफ नेताओं ने कहा कि पुष्पवन्त पैलेस आदिवासी समुदायों के लिए सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है.

जेम्स देबबर्मा ने कहा कि इतिहास से जुड़े इस स्थल का व्यवसायीकरण किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन होटल बनाने के लिए कोई अन्य भूमि आवंटित की जा सकती है.

टीएमपी विधायक बिश्वजीत कलोई ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने निजीकरण की योजना को आगे बढ़ाया तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा.

कांग्रेस ने भी किया विरोध

कांग्रेस प्रवक्ता प्रबीर चक्रवर्ती ने भी सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की.

उन्होंने कहा कि 1926 में जब नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने त्रिपुरा का दौरा किया था, तब उन्होंने पुष्पवन्त पैलेस में कई गीतों की रचना की थी. 1941 में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने इसी पैलेस में टैगोर का 80वां जन्मदिन मनाया था.

चक्रवर्ती ने बताया कि आज़ादी के बाद महारानी कंचन प्रभा देवी ने 1949 में इस पैलेस को राज्य सरकार को सौंप दिया था. अक्टूबर 2022 में इस महल में म्यूजियम बनाने के लिए 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसका शिलान्यास खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया था.

ऐतिहासिक धरोहर पर खतरा

पुष्पवन्त पैलेस को कुंजाबन पैलेस के नाम से भी जाना जाता है. इसे 1917 में महाराजा बीरेन्द्र किशोर माणिक्य देबबर्मा बहादुर द्वारा बनाया गया था.

यह 2018 तक राज्यपाल भवन के रूप में उपयोग में था. वाम मोर्चा सरकार ने इसे डिजिटल संग्रहालय में बदलने की योजना बनाई थी. अब इसे फाइव स्तार होटल में बदलने की योजना सामने आई थी, जिसके बाद इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments