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मैसूर के डिप्टी कमिशनर ने कहा- आदिवासियों को PM JANMAN योजना का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करें

कल यानी सोमवार को एक बैठक में मैसूर के डिप्टी कमिशनर केवी राजेंद्र (Deputy commissioner KV Rajendra) ने पीएम जनमन योजना की समीक्षा की है. उन्होंने लाभार्थियों तक लाभ पहुंचने के लिए कई सुझाव दिए है.

कर्नाटक के मैसूर के डिप्टी कमिशनर केवी राजेंद्र (Deputy commissioner KV Rajendra) ने सोमवार को पीएम जनमन यानी प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान की समीक्षा की है. जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों का विकास करना है.

उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि आदिवासी समुदायों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत लाभ मिलना चाहिए.

वैसे सरकार के द्वारा लेकर आई गई इस योजना का उद्देश्य सभी आदिवासी समुदायों के घरों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, पीने के लिया साफ पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क एंव दूरसंचार (Telecommunication) कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका (Sustainable Livelihood) के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है.

क्योंकि पीएम जनमन योजना का लक्ष्य आदिवासी समुदायों को समाज की मुख्यधारा में लाना है इसलिए केवी राजेंद्र ने नोडल अधिकारियों से यह कहा कि वे अपनी सीमा में जरूरतमंद लाभार्थियों की पहचान करने के बाद इन लाभों को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपाय करें.

ज़िले में 153 से अधिक आदिवासी बस्तियां हैं जो एचडी कोटे (HD Kote), हुनसूर (Hunsur) और पेरियापटना तालुकों (Periyapatna taluks) में केंद्रित हैं.

उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन को अपनी आदिवासी बस्तियों में पक्के घरों में रहने वाले कई जेनु कुरुबा आदिवासी परिवारों (Jenu Kuruba tribal familles) की रिपोर्ट मिली है. अधिकारियों को पहले ऐसे लाभार्थियों की पहचान करनी चाहिए ताकि उन्हें घर उपलब्ध कराया जा सके.

यहां तक कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत 15 साल पुराने घरों वाले आदिवासी परिवार की नए घरों के निमार्ण के लिए योग्य है.

केवी राजेंद्र ने तहसीलदारों से अपने तालुकों में आदिवासियों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए सभी काम करने के दिनों में कम से कम दो घंटे बिताने को कहा है.

उन्होंने कहा है कि ऐसी पहल के अलावा अधिकारियों को लाभार्थियों का चयन करने के लिए आदिवासी कॉलोनियों में बैठकें आयोजित करने के साथ ही उनकी समस्याओं, उनके लिए सड़क, राशन कार्ड और अन्य नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांगों को भी सूचीबद्ध करना चाहिए.

केवी राजेंद्र ने अधिकारियों को आदिवासी बस्तियों में विकास कार्यों के कार्यान्वयन का जायजा लेने के लिए स्थलीय सत्यापन करने के अलावा काम की गुणवत्ता की जांच करने के भी निर्देश जारी किए हैं.

पीएम जनमन की समीक्षा बैठक में जचिला पंचायत के सीईओ केएम गायथी, अतिरिक्त उपायुक्त आर लोकनाथ, हुनसूर डिवीजन के सहायक आयुक्त हैरिस सुमैर और आदिवासी विभाग के समन्वयक मुनिराजू आदि बड़े अधिकारी मौजूद थे.

हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि पीएम जनमन योजना से लाभार्थी लोगों की संख्या अभी जारी नहीं हुई है. तो अब देखने वाली बात यह होगी की इस योजना से कितने आदिवासियों तक लाभ पहुंच पाता है.

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