मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में पिछले साल नवंबर में एक आदिवासी महिला की बेहद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
यह जानकारी मंगलवार रात को जारी एक आधिकारिक बयान में सामने आई है.
जानकारी के अनुसार, 31 वर्षीय आदिवासी महिला की 7 नवंबर 2023 को हत्या कर दी गई थी.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि महिला को अत्यंत कठोर यातनाएं दी गईं थी. इतना ही नहीं थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद उसे जला दिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, उसका शरीर 99 प्रतिशत तक जल चुका था. महिला के शरीर के कई हिस्से गायब थे. हत्या की क्रूरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जलने के कारण आंतरिक अंगों की जांच के लिए नमूने भी नहीं लिए जा सके थे.
गिरफ्तार किए गए आरोपी कौन हैं?
जांच एजेंसी ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम नोंगथोम्बम मीराबा और सगोलसेम सनातोम्बा हैं.
मीराबा मणिपुर के विष्णुपुर ज़िले से है और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) का सदस्य है.
वहीं सनातोम्बा थौबल ज़िले से है और वह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) नाम के एक अन्य उग्रवादी संगठन से जुड़ा हुआ था.
जांच एजेंसी के मुताबिक, ये दोनों आरोपी नवंबर 2023 में जिरीबाम ज़िले के जैरावन गांव में महिला की हत्या, घरों में आगज़नी और लूटपाट जैसी घटनाओं में शामिल थे.
एनआईए की जांच जारी
एनआईए ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और 17 मई तक वे एनआईए की कस्टडी में रहेंगे.
एजेंसी का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है.
एक अन्य मामले में तीसरा आरोपी गिरफ्तार
एनआईए ने एक अन्य मामले में केसीपी-पीडब्ल्यूजी गुट के एक सदस्य वैखोम रोहित सिंह को भी गिरफ्तार किया है.
यह मामला 2023 में हुए अपहरण और हत्या से जुड़ा है. टीम ने मामले में अपराध की साज़िश और उसे अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए रोहित को हिरासत में लिया है.
जांच एजेंसी ने बताया कि एनआईए के साथ रिमांड पूरी होने के बाद वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.
ये सभी मामले गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए को सौंपे गए हैं और जांच एजेंसी इन मामलों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं.
गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में मैतई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है. इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हज़ारों लोग बेघर हो चुके हैं.
राज्य में स्थिति बिगड़ने के कारण फरवरी 2025 में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था.