HomeAdivasi Dailyओडिशा: 14 ज़िलों के कोविड-प्रभावित पीवीटीजी आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजना

ओडिशा: 14 ज़िलों के कोविड-प्रभावित पीवीटीजी आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजना

इस योजना के तहत सभी पीवीटीजी आदिवासियों को मुफ्त मास्क, सैनिटाइज़र और कोविड-19 लक्षण चैक करने के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का प्रावधान है. इसके अलावा सभी कोविड-प्रभावित पीवीटीजी परिवारों को सरकार 2,500 रुपये के सूखे राशन किट वितरित करेगी.

ओडिशा में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों यानि पीवीटीजी के बीच कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी जारी है. एसटी-एससी विकास विभाग ने अब राज्य के 14 जिलों में रहने वाले 13 पीवीटीजी समुदायों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की है.

इस योजना के तहत सभी पीवीटीजी आदिवासियों को मुफ्त मास्क, सैनिटाइज़र और कोविड-19 लक्षण चैक करने के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का प्रावधान है. इसके अलावा सभी कोविड-प्रभावित पीवीटीजी परिवारों को सरकार 2,500 रुपये के सूखे राशन किट वितरित करेगी.

यह आम की तुड़ाई का मौसम है, तो कोविड से प्रभावित आदिवासी अपनी दैनिक आय खो रहे हैं. इसलिए विभाग ऐसे आदिवासियों को जिनको कोविड है या जो इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटाइन में हैं उनको 1,400 रुपये और 100 रुपये प्रतिदिन का वेतन मुआवज़ा देगा.

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 17 माइक्रो प्रोजेक्ट एरिया (MPA) में 230 पीवीटीजी आदिवासियों को अब तक कोविड-19 हुआ है. गांवों में आएसोलेशन सेंटर्स की मरम्मत के लिए भी धनराशि तय की गई है. मरीज़ों के आपातकालीन ट्रांसपोर्ट के लिए सभी पीवीटीजी क्षेत्रों में एम्बुलेंस भी तैनात की जाएगी.

आदिवासियों में कोविड टेस्टिंग को लेकर संकोच को देखते हुए, कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने इलाक़े के लोगों को टेस्टिंग के लिए प्रेरित करें. इसके अलावा सभी सहयोगी गैर सरकारी संगठनों को भी यह काम करने के लिए कहा गया है.

ओडिशा में 17 MPA के तहत 541 गांवों में 1,34,000 पीवीटीजी रहते हैं. राज्य में बुधवार को कोविड की वजह से 40 और मौतें हुईं. यह अब तक राज्य में एक दिन में सबसे ज़्यादा मौत हैं. इसके साथ ही महामारी से मरने वालों की कुल संख्या 2,831 हो गई है, जिसमें सबसे ज़्यादा 476 खुर्दा से, 284 गंजम से और 270 सुंदरगढ़ से हैं.

चिंता की एक बड़ी वजह यह है कि कोविड से संक्रमित होने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा बिना कोमॉर्बिडिटी के है. मई में कोविड से मरने वाले 60 प्रतिशत (पीसी) से अधिक लोगों में कोई कोमॉर्बिडिटी नहीं थी, और लगभग 45 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से कम उम्र के थे.

इन हालात में पीवीटीजी समुदायों के बीच बढ़ते मामले एक चिंता की बात हैं. उम्मीद है कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे क़दम इन आदिवासियों को बचाए के लिए काफ़ी होंगे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments