HomeAdivasi Dailyमेघालय: खासी क्षेत्रों में बाहरियों को नहीं मिलेगा लाइसेंस!

मेघालय: खासी क्षेत्रों में बाहरियों को नहीं मिलेगा लाइसेंस!

KHADC के नए मुख्य कार्यकारी सदस्य (Chief Executive Member) शेम्बोरलांग रिंजाह ने कहा कि यह कदम स्थानीय युवाओं को अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है.

मेघालय की खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (Khasi Hills Autonomous District Council) में नई कार्यकारी समिति (Executive Committee) के गठन के बाद कई अहम फैसले लिए गए हैं.

वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी के नेतृत्व वाली इस समिति ने साफ कर दिया है कि वे उन व्यवसायों के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को नया व्यापार लाइसेंस जारी नहीं करेंगे, जिन्हें खासी समुदाय के लोग खुद चलाने में समर्थ हैं.

KHADC के नए मुख्य कार्यकारी सदस्य (Chief Executive Member) शेम्बोरलांग रिंजाह ने कहा कि यह कदम स्थानीय युवाओं को अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है.

उन्होंने बताया कि “गैर-आदिवासी व्यापार विनियमन, 1954 ” पहले से ही खासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करता है और ज़रूरत पड़ने पर इसमें और सख्ती लाई जाएगी.

गैर-खासी व्यापारियों को लाइसेंस देने के नियमों की होगी समीक्षा

समिति को कई शिकायतें मिली हैं कि कुछ गैर-खासी व्यापारियों को गलत तरीके से लाइसेंस दिए गए हैं. इसलिए परिषद् अब इस प्रक्रिया की जांच करेगी.

निर्माण नियमों में बदलाव की ज़रूरत

रिंजाह ने यह भी बताया कि मेघालय भवन उपनियम, 2021 को लेकर जनता से कई शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि भवन उपनियमों में निर्धारित प्रावधानों को आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों के अपने घर बनाने के सपने के आड़े नहीं आना चाहिए.

समिति यह सुनिश्चित करेगी कि आम लोगों के लिए भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त करने की फीस कम हो और नियम अधिक सहज बनाए जाएं.

पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, समिति यह सुनिश्चित करेगी कि जल स्रोतों को कोई नुकसान न पहुंचे. वहीं, व्यावसायिक इमारतों के निर्माण के लिए कड़े प्रावधान लागू किए जाएंगे.

असम सीमा के गांवों के लोगों को मिलेगी सुरक्षा

KHADC का नया नेतृत्व असम-मेघालय सीमा पर रहने वाले लोगों की परेशानियों को हल करने के लिए भी कदम उठाएगा.

लोगों ने शिकायत की है कि कुछ बाहरी लोग इस क्षेत्र में ज़मीन खरीद रहे हैं. रिंजाह ने कहा कि अगर जांच में यह अवैध पाया गया तो काउंसिल इस पर सख्त कार्रवाई करेगी और स्थानीय लोगों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा की जाएगी.  

खासी संस्कृति के संरक्षण पर जोर

KHADC की नई समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि खासी संस्कृति और परंपराओं को सुरक्षित रखा जाए.

मोनोलिथ महोत्सव जैसे आयोजनों को तभी आगे बढ़ाया जाएगा जब वे समुदाय को वास्तविक लाभ पहुंचाएंगे.

खासी लोगों को मिलेगी विशेष वोटिंग सुविधा

रिंजाह ने कहा कि स्वायत्त जिलों (जिला परिषदों का गठन) नियम, 1951 का अध्ययन किया जाएगा और इसमें संशोधन किया जा सकता है ताकि वोटिंग का अधिकार केवल खासी समुदाय के लोगों को मिले.

KHADC के इन फैसलों का सीधा असर स्थानीय व्यापारियों, जमीन के मालिकों और खासी संस्कृति पर पड़ेगा. समिति का मकसद है कि स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा हो और विकास की दिशा में सही कदम उठाए जाएं.

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