HomeAdivasi Dailyराष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की

राष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की

गुमनाम आदिवासी नायकों के बलिदान की याद में साल 2021 से बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार (15 नवंबर, 2024) को राष्ट्र की अगुवाई करते हुए आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है.

राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी मौजूद थे.

कार्यक्रम के बाद इन नेताओं ने लोक कलाकारों से बातचीत की.

मुर्मू के वहां से जाने के बाद धनखड़ (जो राज्यसभा के सभापति भी हैं) और बिरला ने ड्रम सहित अन्य संगीत वाद्ययंत्रों पर हाथ आजमाया.

वहीं बिरसा मुंडा की जयंती की पूर्व संध्या पर नागरिकों को दिए संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को आदिवासी प्रतीकों को याद किया, आदिवासी संस्कृतियों और विरासत का जश्न मनाने और आदिवासी समुदायों के लिए विकास और बुनियादी ढांचा लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा कि सदियों से आदिवासी समाज के लोग देश की सभ्यता और संस्कृति को समृद्ध करते रहे हैं और उन्होंने अपनी बात के समर्थन में रामायण में भगवान राम के लंबे वनवास का उदाहरण दिया.

उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘प्रभु श्रीराम ने वनवासियों को अपनाया और वनवासियों ने प्रभु श्री राम को अपनाया. आदिवासी समाज में पाई जाने वाली आत्मीयता और सद्भाव की यह भावना, हमारी संस्कृति और सभ्यता का आधार है.’’

गुमनाम आदिवासी नायकों के बलिदान की याद में साल 2021 से बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘2021 से भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की परंपरा का सूत्रपात किया है. जनजातीय समुदाय के प्रति सम्मान व्यक्त करने के इस निर्णय की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है. ’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जनजातीय लोगों के गौरवशाली योगदान से देशवासियों को परिचित कराने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. जनजातीय महानायकों की स्मृति में देश के विभिन्न क्षेत्रों में संग्रहालय बनाए जा रहे हैं. रांची में भगवान बिरसा मुंडा का संग्रहालय एक तीर्थ स्थल की तरह सम्मानित हो गया है. राष्ट्रपति भवन में भी ‘जनजातीय दर्पण’ नामक संग्रहालय विकसित किया गया है.’

आदिवासी महापुरुष बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बलिदानों से भरा उनका जीवन राष्ट्र सेवा का अद्वितीय उदाहरण है.

वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया था. हिरासत में रहते हुए 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई.

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया. मैं उनकी जयंती – जनजातीय गौरव दिवस के पावन अवसर पर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.’’

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन, बिरसा चौक और कोकर स्मारक में आदिवासी योद्धा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.

राज्यपाल ने एक बयान में कहा कि यह दिन आदिवासी समुदाय के अद्वितीय योगदान और उनकी बहादुरी को दर्शाता है.

वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह दिन झारखंड के लिए खास है क्योंकि यह आदिवासी महापुरुष की जयंती और राज्य का स्थापना दिवस भी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments