HomeAdivasi Dailyआदिवासी बहुल ज़िले ने कायम की मिसाल, 100% वैक्सिनेशन का लक्ष्य हासिल

आदिवासी बहुल ज़िले ने कायम की मिसाल, 100% वैक्सिनेशन का लक्ष्य हासिल

डबल टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला प्रतापगढ़ राजस्थान का पहला जिला बन गया है.

राजस्थान के सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले जिलों में से एक प्रतापगढ़ ने कोविड के खिलाफ़ जंग में एक मिसाल कायम की है. साथ ही इस मिथक को भी दूर किया है कि आदिवासियों का टीकाकरण करना आसान नहीं है.

डबल टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला प्रतापगढ़ राज्य का पहला जिला बन गया है. प्रतापगढ़ एक ऐसा जिला है जहां की 89 प्रतिशत आबादी आदिवासी है, और जंगलों और दूरदराज के इलाकों में रहती है. जिले के अधिकांश आदिवासी गांव घने जंगलों या पहाड़ी की चोटी पर हैं. कुछ पंचायतें तो बारिश के दौरान पानी से पूरी तरह घिर जाती हैं, और द्वीप बन जाती हैं.

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीडी मीणा के मुताबिक प्रशासन ने इन इलाकों में पहुंचने के लिए नावों, साइकिलों, मोटरबाइकों का इस्तेमाल किया. कभी-कभी तो स्वास्थ्य कर्मियों को लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए बेहद लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी.

जिले में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां लोग वैक्सिनेशन के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्हें गलत जानकारी दी गई थी. इन लोगों का मानना ​​था कि टीका लगने से पुरुषत्व कम हो जाएगा या महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाएंगी.

मीणा ने कहा, “कुछ इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लोगों ने दुर्व्यवहार किया, लेकिन किसी तरह हमने उन्हें मना लिया.”

प्रशासन ने लक्ष्य हासिल करने के लिए लाभार्थियों की पहचान और प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) डेटा का इस्तेमाल किया क्योंकि उन्हें वैक्सिनेशन के लिए रजिस्टर करवाना मुश्किल हो रहा था.

प्रतापगढ़ के जिला कलेक्टर प्रकाश शर्मा ने कहा, “हमने एनएफएसए और दूसरी सरकारी योजनाओं के डेटा के साथ लोगों की पहचान की, उनके आधार नंबर इक्ट्ठा किए. इससे हमें उनके घर या उनके ऑफिस पर जाकर वैक्सिनेशन करने में मदद मिली.”

प्रतापगढ़ जिला 15-18 आयु वर्ग के टीकाकरण अभियान में भी सबसे आगे है, और अब तक इस वर्ग के लक्ष्य का 71 प्रतिशत वैक्सिनेशन पूरा कर चुका है.

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