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लगातार दूसरे साल सेंदरा शिकार उत्सव हुआ रद्द, कोविड-19 की स्थिति के मद्देनज़र लिया गया फ़ैसला

हर साल झारखंड, बंगाल और ओडिशा के आदिवासी जानवरों का शिकार करने के लिए अभयारण्य में इकट्ठा होते हैं. लेकिन इस साल इन सभी राज्यों में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए आदिवासियों का दलमा पहुंचना मुश्किल है.

आदिवासी संगठन डोलमा बुरु सेंदरा समिति (DBSS) ने कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनज़र बिशू शिकार या सेंदरा को रद्द कर दिया है. यह लगातार दूसरा साल है जब यह शिकार रद्द किया गया है.

सेंदरा 24 मई को दलमा वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित किया जाना था. परंपरा को पूरा करने के लिए इस बार आदिवासी सिर्फ़ पूजा करेंगे.

DBSS के मुख्य पुजारी ने कहा कि झारखंड और पूरे देश में वायरस की स्थिति को देखते हुए शिकार उत्सव को आगे बढ़ाना बेवकूफ़ी होगी.

त्यौहार के लिए पूजा भी सिर्फ़ दलमा पहाड़ियों की तलहटी के एक गांव में की जाएगी.

हर साल झारखंड, बंगाल और ओडिशा के आदिवासी जानवरों का शिकार करने के लिए अभयारण्य में इकट्ठा होते हैं. लेकिन इस साल इन सभी राज्यों में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए आदिवासियों का दलमा पहुंचना मुश्किल है.

इसके अलावा बीमारी के मामलों में वृद्धि की वजह से दलमा वन्यजीव अभयारण्य भी बंद है.

यह उत्सव काफ़ी पुराना अनुष्ठान है, जिसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आदिवासी जमशेदपुर के बाहरी इलाक़े में स्थित दलमा पहाड़ियों की तराई में शिकार में शामिल होते हैं.

आदिवासी स्थानीय देवता, दलमा गुरु, को चढ़वे के रूप में जंगली जानवरों और पक्षियों की बलि देते हैं.

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