नागालैंड के मोन ज़िले में सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को मार दिए जाने के बार स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
द न्यू इंडियन एक्स्प्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पैरा कमांडोज ने पीड़ितों को आतंकवादी समझकर, उन पर घात लगाकर हमला किया.
मोन जिले के तिरु और ओटिंग गांव के बीच एक इलाके में शनिवार शाम को यह घटना हुई, जब एक पिकअप वाहन से घर लौटते समय सुरक्षाबलों के हमले में छह नागरिक मारे गए. यह सभी कोयला खदान में काम करते हैं.
इस घटना के बाद शनिवार रात और रविवार दोपहर तक इलाके में कुछ हिंसक घटनाएं हुई, जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में आठ और नागरिक (शनिवार को सात और एक रविवार को) मारे गए.
सेना की दीमापुर स्थित थ्री कोर ने एक बयान में कहा कि शनिवार रात हुई हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई और कई दूसरे गंभीर रूप से घायल हुए.
जिले में कोन्याक आदिवासी समुदाय के नेताओं ने कहा कि शनिवार शाम छह लोगों की मौत हो गई जबकि सात लोगों ने रविवार सुबह तक दम तोड़ दिया.
“13 नागरिक मारे गए और 11 नागरिक घायल हो गए, जबकि दो लोग लापता हैं,” घटना के बाद घटनास्थल का दौरा करने वाले एक आदिवासी नेता ने बताया.
“हम दोषी सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. अगर न्याय नहीं मिलता है, तो पीड़ितों के परिवार उनके शव नहीं लेंगे,” उन्होंने कहा.
आदिवासी नेता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के पास भी जा रहे हैं.“कोयला खदान पीड़ितों के गांव से लगभग 15 किमी दूर है. वो हर शनिवार को घर आते हैं, रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ रहते हैं, और फिर सोमवार की सुबह ड्यूटी के लिए वापस रिपोर्ट करते हैं,” एक कोन्याक नेता ने कहा.
पूर्वी नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने राज्य की राजधानी कोहिमा के पास किसामा में चल रहे वार्षिक हॉर्नबिल फेस्टिवल में अपनी हिस्सेदारी भी खत्म कर दी है.
“जब हमारे लोग मारे जा रहे हैं तो हम त्योहार में कैसे नाच सकते हैं?” कोन्याक नेता ने पूछा.