कोट्टतरा, अट्टपाड़ी, पालक्काड जिले के सरकारी जनजातीय अस्पताल के अधीक्षक, राज्य सरकार के खिलाफ अट्टपाड़ी में स्वास्थ्य विभाग की विफलता के लिए उसे बलि का बकरा बनाने के कथित प्रयासों के लिए सामने आए हैं.
अस्पताल अधीक्षक आर. प्रभुदास ने रविवार को आरोप लगाया कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्री वीणा जॉर्ज ने शनिवार को जब दौरा किया तो उन्हें जानबूझकर अट्टपाड़ी से दूर रखा गया.
अट्टपाड़ी आदिवासी बस्तियों में बड़े पैमाने पर कुपोषण के कारण पिछले कई दिनों में शिशु मौतों की एक श्रृंखला देखी गई थी. जिसके बाद विभिन्न तबकों से सरकार के खिलाफ कड़ी आलोचना हुई थी. विपक्ष यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने अट्टपाड़ी में आदिवासियों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में सरकार की “विफलता” के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया.
डॉ आर. प्रभुदास ने आरोप लगाया कि उन्हें एक बैठक के नाम पर शनिवार को तिरुवनंतपुरम बुलाया गया जो कभी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ उच्च अधिकारी प्रतिशोध का खेल खेल रहे हैं.
डॉ प्रभुदास ने आरोप लगाया कि उन्हें कहानी का अपना पक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति दिए बिना, सरकार की विफलता के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दरकिनार कर दिया गया तो भी उन्हें जनजातीय विशेषता अस्पताल को विकसित होते हुए देखकर खुशी होगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल को कर्मचारियों की कमी सहित कई कमी का सामना करना पड़ा.
हाल ही में शिशु मृत्यु, कम वजन वाली आदिवासी माताओं की रिपोर्ट, चिकित्सा सुविधाओं की कथित कमी, विपक्षी दलों की चौतरफा आलोचनाओं के बाद वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार ने एक बहु-विभागीय पैनल बनाया है.
इस बहु-विभागीय पैनल को पालक्काड के अट्टपाड़ी में अनुसूचित जनजाति परिवारों के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करने के लिए बनाया गया है.
वहीं अट्टपाड़ी के आदिवासियों ने राज्य सरकार से हर शिशु मृत्यु का वैज्ञानिक अध्ययन करने की मांग की है ताकि समस्या की तह तक पहुंचा जा सके और कोई समाधान निकाला जा सके.
(तस्वीर प्रतिकात्मक है)