इस साल के ऑस्कर पुरस्कार की दौड़ में भारत से एक ख़ास फ़िल्म शामिल है. ‘Mmmmm (Sound of Pain)’ के बारे में ख़ास यह है कि ये आदिवासियों की कुरुम्बा भाषा में है, और इसी समुदाय के एक व्यक्ति की कहानी दर्शाती है.
कुरुम्बा एक पीवीटीजी (PVTG) समुदाय है, जो केरल के पालक्काड ज़िले के अट्टपाड़ी में रहता है.
यह फ़िल्म कुरुम्बा आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति की कहानी बताती है, जिसकी जीविका जंगल से शहद इकट्ठा कर चलती है.
फ़िल्म इस किरदार के सामने आने वाली मुश्किलों को दर्शाती है, जो उसे पर्यावरण में तेज़ी से आ रहे बदलाव की वजह से हो रही हैं. ग़ैर-ज़िम्मेदार मानवीय गतिविधिओं से हो रहे क्लाइमेट चेंज ने कैसे आदिवासियों के जीवन पर असर डाला है, यह इस फ़िल्म से साफ़ हो जाता है.
फ़िल्म में कुरुम्बा आदिवासी का मेन किरदार निभा रहे हैं पूर्व फ़ुटबॉल खिलाड़ी आई एम विजयन. यह फ़िल्म आदिवासियों के सामने आने वाली चुनौतियां, और इन समुदायों के इन चुनौतियों से पार पाने के तरीक़े को दिखाती है.

सोहन रॉय द्वारा निर्मित इस फिल्म को विजीश मणि ने निर्देशित किया है. इरुला आदिवासी समुदाय की लोक गायक नानजम्मा ने फ़िल्म के गीत लिखे हैं, और उन्हें गाया भी है.
द एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (The Academy of Motion Picture Arts and Sciences) द्वारा रिलीज़ की गई 366 फ़िल्मों की सूची में ‘Mmmmm (Sound of Pain)’ के शामिल होने का मतलब है कि फ़िल्म को अब आधिकारिक रूप से ऑस्कर का नामांकन मिल सकता है.
नामांकन के लिए मतदान 5 मार्च को शुरू होगा, और नामांकन की आधिकारिक लिस्ट 15 मार्च को घोषित होगी.