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मणिपुर: विधानसभा में ADC विधेयक पेश किए जाने के बाद आदिवासी छात्र नेता हुए गिरफ्तार

एडीसी विधेयक, 2021 मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद अधिनियम, 1971 में संशोधन कर हिल एरिया कमेटी के साथ-साथ स्वायत्त जिला परिषदों के लिए अधिक स्वायत्तता लाता है.

मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री लेतपाओ हाओकिप ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्रों) जिला परिषद (छठे संशोधन) विधेयक, 2022 (Manipur (Hill Areas) District Councils (Sixth Amendment) Bills, 2022) का छठा और सातवां संशोधन पेश किया.

दिलचस्प बात यह है कि विधेयकों को पेश करना मंगलवार को सदन के एजेंडे का हिस्सा भी नहीं था. इसके अलावा, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि मंत्री द्वारा पेश किया गया बिल हिल एरिया कमेटी-अनुशंसित एडीसी बिल, 2021 का प्रतिरूप है या नहीं.

ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) के नेताओं की गिरफ़्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब विधानसभा में एडीसी विधेयक, 2021 को पेश करने की अपनी मांग को लेकर संघ ने बुधवार शाम छह बजे से पहाड़ी जिलों में बंद का आह्वान किया है.

मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक एटीएसयूएम के पांच कार्यकारी सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. बंद की घोषणा के बाद मणिपुर पुलिस ने एटीएसयूएम के कार्यकारी सदस्यों पर कार्रवाई शुरू की थी. सूत्रों ने कहा कि जॉन पुलमटे, नगाचोनमी चमरोय और सेथ शटशंग समेत पूर्व-एटीएसयूएम नेताओं को भी शाम को पुलिस ने गिरफ़्तार किया.

एडीसी विधेयक, 2021 मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद अधिनियम, 1971 में संशोधन कर हिल एरिया कमेटी के साथ-साथ स्वायत्त जिला परिषदों के लिए अधिक स्वायत्तता लाता है.

ATSUM ने सोमवार को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में 3 अगस्त की शाम 6 बजे से 4 अगस्त की शाम 6 बजे तक 24 घंटे के पूर्ण बंद की घोषणा की थी. गिरफ्तारी के बाद, एटीएसयूएम ने मंगलवार को शाम 6 बजे तक बंद को आगे बढ़ाने की घोषणा की और गिरफ्तार सदस्यों की रिहाई की मांग की.

कांगपोकपी और चुरचांदपुर जिलों में पूर्ण बंद शुरू हो गया है. खबर लिखे जाने तक किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी.

ATSUM ने एक बयान में कहा, “राज्य सरकार के एचएसी के टेबलिंग के लिए आदिवासी लोगों की मांग के प्रति उदासीन रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. सरकार हमारी मांगें नहीं मान रही है. ”

एटीएसयूएम ने सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, निजी वाहनों, ट्रक ड्राइवरों और अन्य ट्रांसपोर्टरों और आम जनता से सहयोग की अपील भी की है. जबकि, चिकित्सा, बिजली, मीडिया और पानी की आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को कुल बंद के दायरे से छूट दी जाएगी.

ATSUM ने कहा है कि पूर्ण बंद के बाद 5 अगस्त से आंदोलन एक “तीव्र रूप” लेगा.

ADC बिल, 2021 की पृष्ठभूमि

मणिपुर की पहाड़ी क्षेत्र समिति (Hill Areas Committee), जिसमें राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के 20 विधायक शामिल हैं, ने अगस्त 2021 में राज्य सरकार को ‘मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021’ या एडीसी विधेयक नामक एक मसौदा विधेयक भेजा था. उनकी मांग थी कि इसे पेश किया जाए, और कानून बनाया जाए. हालाँकि, तभी से यह बैकबर्नर पर डाल दिया गया.

विधेयक एचएसी को मजबूत करता है. एचएसी के पास मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न मामलों पर फ़ैसले लेने और पहाड़ी क्षेत्रों के विकास पर राज्य सरकार को सिफारिशें देने की शक्ति है. एचएसी का गठन 1971 में संविधान में शामिल अनुच्छेद 371 (सी) के आधार पर किया गया था.

हालांकि, पिछले कुछ सालों में पहाड़ी क्षेत्रों से शिकायत आई है कि एचएसी को अप्रभावी बना दिया गया है, और इसकी शक्तियों को कम कर दिया गया है.

नतीजा यह है कि नवीनतम विधेयक का उद्देश्य एचएसी को मजबूत करना और विभिन्न मोर्चों पर मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों के सशक्तिकरण और विकास की ओर अग्रसर होना है.

(प्रतिकात्मक तस्वीर, साभार: ट्वीटर)

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