HomeAdivasi Dailyआंध्र प्रदेश: 2023 में आदिवासियों में टीबी के मामले कम दर्ज हुए

आंध्र प्रदेश: 2023 में आदिवासियों में टीबी के मामले कम दर्ज हुए

सर्वे के मुताबिक 2020 में 8,409 टीबी के मामले आदिवासी इलाकों में दर्ज हुए. वहीं 2021 में 11,818, 2022 में 12,551 और 2023 में 7680 टीबी के मामलें आदिवासी इलाकों में दर्ज किए गए थे.

आंध्र प्रदेश के आदिवासियों में टीबी के मामले घट रहे हैं. साल 2023 में जमा किये गए आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया जा रहा है.

इंडिया काउंसिल ऑफ मीडिया रिसर्च (Indian council of Media research) नाम का संगठन साल 2020 से नेशनल टीबी प्रीवलेंस सर्वे (National Tuberculosis prevalence survey) कर रहा है.

इस सर्वे में यह दावा किया गया की आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) के मुख्यधारा सहित आदिवासी इलाकों के टीबी मामलों में गिरवाट हुई है.

सर्वे के अनुसार पिछले 2020 -21 या 2022 की 2023 से तुलना की जाए तो 2023 में टीबी के मामलों में कमी देखने को मिली है.

सर्वे के मुताबिक 2020 में आदिवासी इलाकों में टीबी के 8,409 मामले दर्ज हुए. वहीं 2021 में 11,818, 2022 में 12,551 और 2023 में 7680 टीबी के मामले दर्ज किए गए थे.

राज्य सरकार द्वारा यह दावा किया जा रहा है की नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम (National tuberculosis Elimination programme) के तहत दिए जाने वाले पैसों से अधिक, उन्होंने टीबी के बचाव और रोकथाम के लिए खर्चा किया है.

राज्य सरकार के अनुसार 2020-21 में 69.80 करोड़ खर्च किए गए थे, जबकि उन्हें 50.79 करोड़ ही मिले थे. ऐसे ही 2021-22 में 77.55 करोड़ खर्च किए गए, जबकि उन्हें 55.87 करोड़ ही टीबी पर खर्चे के लिए दिए गए थे.

वहीं 2023-24 में एनटीइपी द्वारा मिलें 19.02 करोड़ में से 6 फरवरी तक 18.83 करोड़ खर्च किए गए है. इसी सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने संसद में बताया की आदिवासी क्षेत्रों में टीबी के रोकथाम के लिए माइक्रोस्कोपी केंद्र स्थापित किए गए है.

उन्होंने ये भी बताया की टीबी मरीज़ों को कई बार इलाज़ के लिए स्वास्थ्य केंद्र आना-जाना पड़ता है. इसलिए राज्य सरकार की तरफ से प्रत्येक मरीज़ को हर महीने 750 रूपयें यातायात खर्चे के लिए दिए जा रहे हैं.

इसके अलावा उन्होंने यह जानकारी दी की एनटीइपी द्वारा मुफ्त दवाईयां, आयुष्मान आरोग्य मंदिर द्वारा मुफ्त स्क्रीनिंग और इलाज़ दिया जा रहा है.

वहीं निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज़ों का खाना देना और आदिवासी इलाकों में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है.

एक तरफ जहां सर्वे में मिले आंध्र प्रदेश के ये आंकड़े थोड़ी राहत देते है, तो दूसरी ओर देश में मौजूदा आदिवासियों की स्थिति सोचने पर मजबूर कर सकती है.

सरकारी वेबसाइट के अनुसार देश में 703/100,000 टीबी के मामले आदिवासी इलाकों में दर्ज होते है. आदिवासी इलाकों में दर्ज टीबी की ये मामले मुख्यधारा समाज से तीन गुना है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments